
रिवर फ्रंट पर लगेगी कांशीराम की प्रतिमा, बनेगा पार्क, अखिलेश यादव का ऐलान
संक्षेप: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर ऐलान किया कि सपा सरकार बनने पर रिवर फ्रंट पर उनकी प्रतिमा लगाई जाएगी। इसके साथ ही उनके नाम पर 500 मीटर का पार्क भी बनाया जाएगा।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा लखनऊ में रिवर फ्रंट पर लगाने का ऐलान किया। सपा की सरकार बनने पर कांशीराम के नाम पर लखनऊ में पार्क बनाने की भी अखिलेश यादव ने घोषणा की। उन्होंने नेताजी (मुलायम सिंह यादव) और कांशीराम को मिलन को याद करते हुए कहा कि जब कम्यूनल राजनीति पीक पर थी, उन्हें रोकने का काम सपा-बसपा ने मिलकर किया था। कट्टरवादी ताकतों को रोकने और दलितों-पिछड़ों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों नेताओं ने एकजुट होकर काम किया।

योगी सरकार की तारीफ करने पर अखिलेश यादव ने मायावती पर निशाना साधा। कहा कि अगर वह जुल्म करने वालों की आभारी हैं तो यह उनकी साठगांठ को दर्शाता है। मायावती जी की प्रतिमा उनके अलावा किसी और ने लगाई तो मैंने लगाई। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने स्मारकों का रखरखाव सही ढंग से किया था। उन्होंने कहा कि खजूर के पेड़ सूख गए थे, जिन्हें उन्होंने बदलवाकर क्रोशिया के पेड़ लगवाए।
अखिलेश यादव ने कहा कि भीमराव आंबेडकर, कांशीराम, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और मुलायम सिंह यादव जैसे नेताओं ने सामाजिक न्याय का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि सपा पीडीए (पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों) पर आधारित सरकार बनाकर इस रास्ते पर आगे बढ़ना चाहती है।
बृहस्पतिवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम की 19वीं पुण्यतिथि पर आयोजित रैली में पार्टी अध्यक्ष मायावती की ओर से सपा पर करारा हमला किए जाने के बाद अखिलेश ने कांशीराम के राजनीतिक सफर में सपा के सहयोग को याद किया। अखिलेश ने कहा, “हम सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत करने और पीड़ितों, दलितों एवं अल्पसंख्यकों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में पीडीए आधारित सरकार बनाने का संकल्प लिया है।”
उन्होंने कहा कि सपा और नेताजी (मुलायम) और हमारे साथियों के सहयोग से ही कांशीराम इटावा से सांसद बने थे। उस समय जब सांप्रदायिक राजनीति चरम पर थी, तब सपा और बसपा ही थीं, जो एकजुट होकर इसका मुकाबला कर रही थीं। अखिलेश ने कहा कि मायावती के अलावा उन्होंने ही कांशीराम की प्रतिमा स्थापित करवाई थी।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के दौरान जब बसपा नेताओं ने स्मारक के रखरखाव पर सवाल उठाए थे, तो मैंने लखनऊ विकास प्राधिकरण को इसका रखरखाव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
गौरतलब है कि मायावती ने कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित रैली में सपा पर निशाना साधते हुए उसे दोगले लोगों की पार्टी कहा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सपा जब सत्ता में होती है, तो वह कांशीराम और बहुजन समाज के अन्य महापुरुषों को भूल जाती है, लेकिन जब वह सत्ता से बाहर हो जाती है, तो उसे ये ही महापुरुष याद आने लगते हैं।
अखिलेश ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासनकाल में लखनऊ में आंबेडकर और कांशीराम की याद में बनाए गए स्मारकों की हालत खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि खराब रखरखाव के कारण पत्थरों का रंग काला पड़ गया है। ऐसा भी हो सकता है कि भाजपा लखनऊ में इन स्मारकों की कीमती जमीन बेचने की कोशिश करे।
उन्होंने बीजेपी पर झूठे मुकदमों का विश्व रिकॉर्ड बनाने और झूठ बोलने में नंबर एक होने का आरोप लगाया। एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं और नाबालिग सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। उन्होंने रायबरेली में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या और अन्य जिलों में भेदभाव और वंचितों पर अत्याचार का उदाहरण दिया।
अखिलेश यादव ने कहा कि विधानसभाा चुनाव के दौरन प्रधानमंत्री के 15 दिन में आवारा पशु की समस्या हल करने का वादा किया था। यूपी वाले उनकी बात नहीं मानते। इससे समस्या का हल नहीं हुआ। उन्होंने थानों और प्रशासनिक तैनाती में भेदभाव का आरोप लगाया। कहा कि जब पीडीए का डाटा सोशल मीडिया पर डालने लगाा तो वेबसाइट से नाम की लिस्ट ही हटाई जाने लगी है।

लेखक के बारे में
Yogesh Yadavयोगेश यादव हिन्दुस्तान में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर हैं।
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