
डीजे या ढोल बजवाया तो निकाह नहीं पढ़ाएंगे मौलाना, संभल की एक मस्जिद कमेटी का फैसला
संक्षेप: मस्जिद कमेटी के सदस्य ने कहा कि इस्लामी कानून के अनुसार शादी में डीजे और ढोल-ताशे बजाना जायज़ नहीं है। यह बिल्कुल गलत है। उन्होंने साफ कर दिया कि यदि कोई व्यक्ति शादी में डीजे बजवाएगा तो वह उसका निकाह नहीं पढ़ाएंगे। यदि कोई दूसरा मौलाना निकाह पढ़ाने आता है तो उससे भी सवाल किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के संभल के थाना हजरत नगर गढ़ी क्षेत्र के गांव धीमर खेड़ी में मस्जिद कमेटी ने शादी-विवाह में डीजे और ढोल-ताशे बजाने वालों के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। कमेटी ने ऐलान किया है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी शादी में डीजे बजवाता है तो मौलाना निकाह नहीं पढ़ाएंगे और उस परिवार पर 50,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।

गांव की मस्जिद कमेटी के सदस्य और हाफिज इदरीस ने कहा कि इस्लामी कानून के अनुसार शादी में डीजे और ढोल-ताशे बजाना जायज़ नहीं है। यह बिल्कुल गलत है। उन्होंने साफ कर दिया कि यदि कोई व्यक्ति शादी में डीजे बजवाएगा तो वह उसका निकाह नहीं पढ़ाएंगे। यहां तक कि यदि कोई दूसरा मौलाना निकाह पढ़ाने आता है तो उससे भी सवाल किया जाएगा। पूछा जाएगा कि क्या इस्लाम में डीजे बजना जायज है?
हाफिज इदरीस ने कहा कि ऐसे आयोजनों में मस्जिद कमेटी के सदस्य और गांव के इमाम भी शामिल नहीं होंगे और न ही वहां खाना खाएंगे। इदरीस का दावा है कि इस निर्णय का बकायदा प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। लोगों को इस पर अमल करने के लिए तैयार किया जा रहा है। पिछले छह महीनों से गांव में लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। लोगों को इस्लामी कानून के मुताबिक क्या जायज है और क्या नाजायज इसके बारे में बताया जा रहा है। हाफिज इदरीस का दावा है कि अधिकांश लोगों ने इस पर अमल भी किया है।
मस्जिद कमेटी ने जुर्माना लगाने की भी की बात
मस्जिद कमेटी ने चेतावनी दी है कि यदि कोई परिवार नियम का उल्लंघन करता है और शादी में डीजे या ढोल-ताशे बजाता है तो उस पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा बार-बार नियम तोड़ने पर कमेटी पुलिस से भी शिकायत करेगी। बैठक में मस्जिद कमेटी के सदस्य और भारतीय किसान यूनियन (मुलायम) के राष्ट्रीय प्रभारी चौधरी इरशाद, मोहम्मद आमीर, मोहम्मद उमर, अरमान अली, नूर हसन नेताजी रहे।





