
रेलवे के 12 ठेकेदार, 5 कर्मचारी CBI के रडार पर, फाइलें और दो दर्जन से अधिक एफडी जब्त
संक्षेप: सीबीआई को कमीशनखोरी और कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी FDR और कई अन्य दस्तावेज लगाने की शिकायत मिली थी। इस पर ही सीबीआई की तीन टीमों ने कार्रवाई की थी। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक लखनऊ और वाराणसी से ठेकेदारों की फाइलें और दो दर्जन से अधिक एफडी जब्त कर ली गई थी।
रेलवे ठेके हासिल करने के लिए फर्जी एफडी और कई अन्य फर्जी दस्तावेज लगाने के मामले में सीबीआई ने 12 ठेकेदार और पांच कर्मचारियों को रडार पर लिया है। जब्त की गई एफडी और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल के बाद इनसे पूछताछ की जाएगी। सीबीआई ने तीन दिन पहले लखनऊ और वाराणसी में डीआरएम आफिस में निरीक्षण किया था। इन दोनों जगह से मिली खामियों के बाद एक टीम ने गोरखपुर के डीआरएम आफिस में छानबीन की थी।

सीबीआई को कमीशनखोरी और कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी एफडीआर और कई अन्य दस्तावेज लगाने की शिकायत मिली थी। इस पर ही सीबीआई की तीन टीमों ने कार्रवाई की थी। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक लखनऊ और वाराणसी से ठेकेदारों की फाइलें और दो दर्जन से अधिक एफडी जब्त कर ली गई थी। इनमें कई एफडी की तारीख निकल चुकी थी। हालांकि इसमें पांच एफडी के बारे में ठेकेदारों ने तर्क दिया था कि इनकी समय अवधि जरूर खत्म दिख रही है लेकिन बैंकों में इन एफडी को आगे के लिए आटो रिन्यू कर दिया जाता है। इस बारे में भी सीबीआई जांच कर रही है।
जांच कमेटी बनते ही तेज होगी पड़ताल
सूत्रों के मुताबिक शनिवार को सम्बन्धित आफिस बंद होने की वजह से जांच ज्यादा तेज नहीं हो सकी। सोमवार को जांच के लिए दो कमेटी बन जाएगी। यह कमेटी लखनऊ और वाराणसी में अलग-अलग जांच करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच भी होगी
निरीक्षण के दौरान ही सीबीआई को कुछ ठेकेदारों की फाइलों में लगे अनुभव प्रमाण पत्र भी संदिग्ध लगे है। इसलिए सीबीआई इन अनुभव प्रमाण पत्रों की भी जांच कराएगी। सीबीआई यह भी पता कर रही है कि इसमें रेलवे के अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत तो नहीं है। इससे ही विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक वाराणसी में ज्यादा गड़बड़ियां मिली है। अभी जांच की जा रही है।





