बांग्लादेश में बवाल
1971 में बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ने वालों स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए कई सरकारी नौकरियों में आरक्षण की घोषणा के खिलाफ जुलाई में छात्र सड़कों पर उतर आए थे। हालांकि, बाद में अधिकांश कोटा वापस ले लिया गया था, लेकिन छात्रों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग थी पीएम हसीना अपने पद से इस्तीफा दे दें। जुलाई में हुई हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए थे। इसके बाद अगस्त के पहले सप्ताह में हिंसा तेज हो गई और रविवार को 100 से अधिक लोगों की जानें चली गईं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने शेख हसीना के आधिकारिक आवास पर भी हमला बोल दिया, इसके बाद उन्होंने देश छोड़ दिया और सेना ने सत्ता की कमान संभाल ली है।