वो लम्हा: अच्छा होता, तुम भी सो गए होते
उस दिन ईरान के शिराजी शहर में आसमान पर चांद भरपूर नुमाया था। हवा थोड़ी ठंडक लिए बह चली थी। वैसे भी रेगिस्तान में दिन जहन्नुम-सा तपता है, तो रात जन्नत-सी सजती है। चांद की रोशनी में मानो इल्मो ईमान जाग...
Sat, 31 Aug 2019 09:55 PM