
कुमारख़ंड के सीएचसी में बुधवार को मरीजों की भीड़ रही। अधिकतर मरीज वायरल फीवर और सर्दी-खांसी की शिकायत लेकर आए। डॉक्टरों ने 135 से अधिक मरीजों का इलाज किया और उन्हें दवा व आवश्यक सलाह दी। ठंड के कारण लोगों को गर्म भोजन और उबला पानी पीने की सलाह दी गई।

कन्नौज में मौसम के अचानक बदलाव से सर्दी, जुकाम और वायरल बुखार के मामलों में वृद्धि हो रही है। जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़कर 500 तक पहुँच गई है। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। तापमान में गिरावट और दिन-रात के तापमान में अंतर से रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ रहा है।

कन्नौज में अचानक मौसम परिवर्तन के कारण लोगों की सेहत पर असर पड़ा है। सर्दी-जुकाम और वायरल बुखार के मामलों में वृद्धि हुई है। जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़कर 500 हो गई है, जबकि मंगलवार को यह संख्या 1000 के पार थी। डॉक्टरों ने संक्रमण से बचाव के उपायों की सलाह दी है।

कन्नौज में सर्दी की शुरुआत के साथ वायरल फीवर और बुखार के मामलों में वृद्धि हुई है। शुक्रवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में 620 से अधिक मरीज पहुंचे। मौसम में बदलाव और जलभराव से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। चिकित्सकों ने मौसम में सतर्क रहने की सलाह दी है, खासकर बच्चों के लिए।

एक-एक घर में दो से चार लोग पीड़ित, तेजी से बढ़ रहा प्रकोपबगैर ग्रामीणों को सूचित किये शिविर लगाकर स्वास्थ्य विभाग ने झाड़ा पल्लाफोटो-मंझनपुर, संवाददाता। विकास खंड कौशाम्बी के म्योहर गांव में मौसमी बीमारी...

फोटो : स्वेटर में निकले लोगों की रात में मिलेगी।--------शाहजहांपुर, वरिष्ठ संवाददाता। शाहजहांपुर जनपद में अब मौसम ने करवट ले ली है। दिन में धूप तो रहती है, लेकिन रात और सुबह के समय ठंड महसूस की जाने...

कन्नौज में वायरल बुखार और डेंगू तेजी से फैल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के पास जा रहे हैं, जबकि जिला अस्पताल का डेंगू वार्ड खाली है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण बिना पंजीकरण के क्लीनिक खुल रहे हैं। सरकारी डॉक्टरों की अनुपस्थिति से लोग मजबूर होकर झोलाछापों का सहारा ले रहे हैं।

बदलते मौसम के साथ वायरल फीवर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब एक हजार मरीज आ रहे हैं, जिनमें अधिकतर वायरल फीवर के लक्षण हैं। चिकित्सक मरीजों की जांच कर रहे हैं और उन्हें बचाव के तरीके बता रहे हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

गांव झरना में वायरल बुखार फैल गया है, जिससे बच्चों, महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्गों पर असर पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लिया और मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण शुरू किया। लगभग 99 लोगों के सैंपल लिए गए हैं। स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर बीमार लोगों की तलाश कर रहे हैं।

औंग के गोधरौली गांव में विशेष स्वास्थ्य परीक्षण कैंप का आयोजन किया गया। डॉ. शालिनी की टीम ने 15 ग्रामीणों का परीक्षण किया, जिसमें कई में वायरल बुखार के लक्षण पाए गए। उन्हें दवा और ओआरएस दिया गया। पानी प्रदूषित होने के कारण समय-समय पर ऐसे शिविर आयोजित किए जाते हैं।