रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को रोकने में अमेरिका ने पूरी ताकत झोंक दी है, लेकिन नतीजा अभी भी दूर है। शोक मना रहे यूक्रेनियों पर रूसी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका ने इस युद्ध की तुलना मीट ग्राइंडर से की।
Russia War Updates: रूस-यूक्रेन युद्ध को शांति पूर्वक तरीके से खत्म कराने के लिए यूरोपीय देशों ने एक बार फिर से प्रयास करना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत स्वीडन ने की है। स्टॉकहोम ने मंगलवार को रूसी राजदूत को तलब किया है।
एक तरफ रूस की सरकार युद्धविराम पर जानबूझकर देरी कर रही है, दूसरी तरफ उसकी सेना यूक्रेन पर हवाई हमले जारी रखे हुए है। यूक्रेन के बड़े शहर सूमी पर रूस ने लगातार दूसरे दिन हवाई हमला किया।
Russia Ukraine War Updates: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक बार फिर से अमेरिका के अपने समकक्ष ट्रंप से यूक्रेन आने और रूस द्वारा किए जा रहे अपराधों को देखने की गुहार लगाई है। प्रोपेगेंडा के आरोपों पर जेलेंस्की ने कहा कि ट्रंप बर्बाद हुए किसी भी शहर में अपनी मर्जी से चले जाएं।
दूतावास की ओर से कहा गया, ‘आज रूसी मिसाइल ने यूक्रेन में भारतीय फार्मा कंपनी कुसुम के वेयरहाउस पर हमला किया। भारत के साथ खास दोस्ती का दावा करने वाला मॉस्को जानबूझकर भारतीय बिजनेस को टारगेट कर रहा है।’
रूस और यूक्रेन में भीषण युद्ध के बीच जेलेंस्की ने ट्रंप से सैन्य मदद मांगी है, लेकिन यह भी कहा कि उसे यह सब फ्री में नहीं चाहिए। इसके लिए वो कुछ भी भुगतान करने को तैयार है।
यूक्रेन युद्ध में दो चीनी सैनिकों को जिंदा पकड़ने के बाद अब जेलेंस्की ने दावा किया है कि 150 से ज्यादा चीनी सैनिक भी जंग में उतरे हैं। जंग में उत्तर कोरिया के बाद अब चीन का नाम सामने आने से अमेरिका तक खलबली मच गई है।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, 'हमें पता है कि कब्जा करने वाली यूनिट्स में 2 से कहीं ज्यादा चीनी नागरिक हैं। हम सभी तथ्यों की जांच कर रहे हैं। खुफिया विभाग, सुरक्षा सेवा और सशस्त्र बलों की संबंधित इकाइयां इस पर काम कर रही हैं।'
Russia Ukraine war: रूसी हमलों के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का कहना है कि वह सीजफायर पर अमेरिकी प्रशासन की किसी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। पिछले सीजफायर प्रस्ताव पर हम तैयार थे लेकिन रूस ने इसे अस्वीकार कर दिया था।
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 2015 के ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर कर दिया था। इस समझौते के तहत ईरान को सख्त परमाणु प्रतिबंधों के बदले आर्थिक प्रतिबंधों से राहत दी गई थी।