लखनऊ और देहरादून के बीच 545 किलोमीटर की दूरी यह ट्रेन 8 घंटे 20 मिनट में तय कर लेती है। अब इस रूट पर चलने वाली यह सबसे तेज ट्रेन बन चुकी है, जिसने कुंभ एक्सप्रेस को पछाड़ दिया है।
लखनऊ इंटरसिटी और पाटलिपुत्र समेत चार ट्रेनों को रेलवे ने सुपरफास्ट से एक्सप्रेस श्रेणी में बदलने का निर्णय लिया है। ठहराव बढ़ने की वजह से इन ट्रेनों की औसत रफ्तार कम हो जाने पर समीक्षा के बाद परिचालन विभाग ने इन ट्रेनों को सुपरफास्ट से एक्सप्रेस के रूप में बदलने की मंजूरी दे दी।
वैसे इन ट्रेनों को अधिकतम प्राथमिकता भी दी जाती है ताकि ये प्रीमियम ट्रेनें समय पर अपनी डेस्टिनेशन तक पहुंच सकें। यहां प्रावधान है कि अगर ट्रेन देरी से चलती है, तो यात्रियों को मुफ्त भोजन मिलता है।
रिपोर्ट के अनुसार, जो ट्रेन अचानक रुक गई उसकी वजह से सर्कुलर लाइन पर चलने वाली 125 अन्य ट्रेनों को देरी का सामना करना पड़ा। कुछ रेलगाड़ियां तो निर्धारित समय से 20 मिनट से अधिक देरी से चलीं।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इन ट्रेनों के निर्माण के लिए जिस रूसी कंपनी को चुना गया, उसके लिए डिजाइन कभी कोई मुद्दा नहीं है।
बिहार में पटना से लेकर दरंभगा तक कोहरे की मार जारी है। दरभंगा एयरपोर्ट की 8 फ्लाइट्स कैंसिल रही। वहीं पटना आने वाली 11 ट्रेनें 14 घंटे तक की देरी से पहुंची है। जिसके चलते यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
02 जोड़ी स्पेशल ट्रेनों के परिचालन अवधि में विस्तार किया गया है। 03309 धनबाद-जम्मूतवी स्पेशल के परिचालन अवधि का विस्तार 03 दिसंबर से 31 दिसंबर तक प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को किया गया है।
लगातार CPR देने और कृत्रिम श्वसन देने प्रयासों के बाद यात्री ने अपनी आँखें खोली और बेहतर महसूस करने लगा। अमृपाली एक्सप्रेस के छपरा स्टेशन पर पहुंचते ही हेल्थ यूनिट छपरा के डॉक्टर ने अटेंड किया।
मंगलुरु से तिरुवनंतपुरम के लिए चलने वाली वंदे भारत ट्रेन (20631) में कुल 474 यात्री सीटें हैं। अगर 20 कोच वाली वंदे भारत दौड़ने लगेगी तो इनकी संख्या बढ़कर 1,246 हो जाएगी।
चंद्रशेखर वाघ ने हालात को देखते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को स्थिति की गंभीरता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनके साथ कुछ सीनियर सिटिजन्स भी यात्रा कर रहे हैं।
जिन ट्रेनों को आगामी एक दिसंबर से निरस्त करने की तैयारी है। उनमें अपडाउन की स्थिति में 20 से 25 हजार यात्री प्रभावित होने का अनुमान रेलवे लगा रहा है। इन यात्रियों को विकल्प के तौर पर दूसरी ट्रेनें होंगी, जिसमें खाली सीटें होने की संभावना ज्यादा रहती हैं।
छठ के मौके पर उत्तर बिहार आने वाली ट्रेनों की चाल बिगड़ गई है। ट्रेनों के घंटों विलंब परिचालन से आजिज कई यात्री बीच सफर में ही ट्रेन से उतर जा रहे हैं। रविवार को मुजफ्फरपुर जंक्शन पर भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।
ऐसे में दीवाली के बाद कुमाऊं से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली के लिए संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और रानीखेत एक्सप्रेस में सीटें मिलना मुश्किल दिख रहा है।
फुटेज में सिर और कंधों पर बैग और सामान लिए यात्री ट्रेन के दरवाजों के आसपास भीड़ लगाए हुए दिख रहे हैं। कुछ यात्रियों ने तो छोटे-छोटे ड्रम भी लिए हुए थे, जिससे प्रवेश द्वार पर रुकावट आ गई थी।
अधिकारियों के मुताबिक, स्थिति तब बिगड़ गई जब ट्रेन के इंतजार में खड़े यात्रियों ने उसमें चढ़ने की कोशिश की। रेलगाड़ी को यार्ड से प्लेटफॉर्म पर अभी लाया गया था और बोगियों के दरवाजे अंदर से बंद थे।
मध्य रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अलार्म चेन खींचने की घटना सामने आई है। ट्रेन नंबर 22221 डाउन राजधानी एक्सप्रेस में नासिक रोड प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर शाम 6:44 बजे अलार्म बजा।
एनआर का मानना है कि 31 को दीपावली है और इसके बाद छठ है। इस दौरान दिल्ली व उसके आसपास के स्टेशनों से बिहार के लिए लाखों की संख्या में लोग ट्रेन पकड़ते है। ट्रेनों की संख्या कम होने से उन्हें परेशानियां होती है। इसलिए बीते साल की तुलना में इस बार ट्रेन 65 फेरा अधिक लगाएगी।
हाल ही में पाकिस्तान में मौजूद फरहतुल्ला गौरी ने टेलीग्राम पर एक वीडियो भी जारी किया था। जिसमें रेल ट्रैक समेत सप्लाई चेन को नुकसान पहुंचाने के लिए कहा था। ऐसे ही कानपुर में तीन बार ट्रेन को डिरेल करने का प्रयास किया गया था।
रेल यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी लंबी रूटों की ट्रेनों में आ रही है। जयनगर से दिल्ली, स्पेशल ट्रेन सबसे ज्यादा 14 घंटे तथा सीतामढ़ी से आनंद विहार टर्मिनल दिल्ली जनसाधारण एक्सप्रेस 12 घंटे लेट थी।
मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड के दोहरीकरण का काम जल्द शुरू होगा। इस काम के लिए 1,800 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। इसके लिए समस्तीपुर रेलमंडल के अभियंताओं ने बीते माह सर्वेक्षण किया था और रेल मुख्यालय को स्टीमेट भेजा था।
समस्तीपुर स्थित डीआरएम कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया पर इस संबंध में पोस्ट भी किया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस पोस्ट को लाइक करते हुए अपनी खुशी का इजहार किया है।
रेलवे बोर्ड ने उत्तर बिहार को त्योहारों के मौसम में बड़ी सौगात देने की योजन बनाई है। मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर और बरौनी के लिए पांच अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन का तोहफा देने जा रही है। यात्री सुविधा में बढ़ोतरी करते हुए रेलवे बोर्ड ने 26 नई अमृत भारत ट्रेन चलाने की मंजूरी दी है।
ट्रेन से उतरे यात्रियों के चेहरे पर स्पष्ट रूप से खौफ नजर आ रहा था। हादसे के बाद सुरक्षित दरभंगा पहुंचने पर वाले यात्रियों ने काफी राहत मिलने की बात बताई। घर पहुंचने की खुशी उनके चेहरों पर साफ साफ दिखाई दे रही थी
राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘मैसूर-दरभंगा ट्रेन दुर्घटना भयावह बालासोर दुर्घटना को प्रतिबिंबित करती है। यात्री ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई। अनेक दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान चले जाने के बावजूद कोई सबक नहीं लिया जाता।'
कटिहार में गुरुवार की रात रेल हादसा हुआ। जिले के सुधानी-बारसोई स्टेशन के बीच न्यू जलपाईगुड़ी से कटिहार आ रही खाली माल ट्रेन की एक बोगी बेपटरी हो गयी। बताया जाता है कि बोगी के चार पहिए पटरी से उतर गए। घटना की सूचना पर कटिहार रेल मंडल के अभियंत्रण विभाग के कई पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए।
सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि ये त्यौहारी ट्रेनें इस जोन के अधीन अगरतला, नाहरलगुन, सिलचर, न्यू तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, कटिहार आदि क्षेत्र और अन्य निकटवर्ती क्षेत्रों में अंतर-संपर्क को भी बढ़ावा देंगी। पू. सी. रेलवे इस साल त्यौहार के लिए 238 फेरों के लिए इन स्पेशल ट्रेनों का परिचालन करेगी।
रिपोर्ट में बताया गया कि जम्मू-कश्मीर में वंदे भारत स्लीपर ट्रेनसेट शुरू करने की तैयारी है जो फिलहाल नई दिल्ली और श्रीनगर के बीच फर्राटा भरेगी। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी उत्तर रेलवे जोन के पास होगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की गति भी इसे बेहद आकर्षक बनाती है। सूत्रों ने बताया कि वंदे भारत को 0 से 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने में सिर्फ 52 सेकंड लगते हैं।
यूपी में एक महीने के अंदर ट्रेनों को पलटने की चार बड़ी कोशिश की गई है। एक कोशिश सफल भी हो गई जबकि तीन को सतर्कता के कारण विफल कर दिया गया है। सवाल यह उठ रहा है कि ट्रेनों को पलटने की कोशिश बार-बार यूपी में ही क्यों हो रही है।
बिहार में चालक और गार्ड की सूझबूझ से यह रेल हादसा टल गया। जानकारी के मुताबिक दुर्घटनाग्रस्त मालगाड़ी कोडरमा से गया की ओर जा रही थी। गया-कोडरमा रेलखंड के पहाड़पुर रेलवे स्टेशन पर शनिवार सुबह नौ बजे के आसपास यह हादसा हुआ। गाड़ी अप लाइन पर आ रही थी। इस लाइन पर आवागमन ठप हो गया।