
उन्नाव में कोडीन सिरप के अनियंत्रित उपयोग से युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। हाल ही में एक फर्म द्वारा 1.07 लाख अवैध सिरप की खरीद की पुष्टि हुई है। डीएम गौरांग राठी ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की है। इस मामले में कई सवाल उठ रहे हैं, जिनका जवाब तलाशा जा रहा है।

कन्नौज में कोडीन युक्त सीरप की बिक्री को लेकर औषधि प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू की है। जांच में एक दवा फर्म का नाम सामने आया है, जिसने लगभग 5000 सीरप बेचे थे। विभाग ने फर्म से पिछले दो वर्षों का बिक्री रिकॉर्ड मांगा है और मेडिकल स्टोरों की भी जांच की जा रही है।

बांगरमऊ में एक फर्म संचालक ने 12 हजार कोडीनयुक्त सिरप मंगवाई और इसे युवाओं में नशे के लिए बेचा। औषधि विभाग की जांच में यह मामला उजागर हुआ। संचालक ने बिक्री के दस्तावेज नहीं दिखाए, जिसके बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कोडीन का नशे के रूप में उपयोग बढ़ रहा है।

WHO के प्रवक्ता ने कहा, 'फिलहाल यह पुष्टि करने का कोई विश्वसनीय तंत्र नहीं है कि प्रोडक्ट्स को अवैध या अनियंत्रित चैनलों से निर्यात किया गया, क्योंकि ऐसे निर्यात आमतौर पर कोई निशान नहीं छोड़ते। यही इस जोखिम को चिंताजनक बनाता है।'

मध्य प्रदेश पुलिस राज्य में जहरीले सिरप पीने से हुई कम से कम 20 बच्चों की मौत के सिलसिले में उसकी तलाश कर रही थी। उसकी गिरफ्तारी पर 20,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि तमिलनाडु-FDA की ओर से कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डीईजी/ईजी की इजाजत से अधिक मात्रा मिली। इसके बाद मध्य प्रदेश औषधि नियामक प्राधिकरण ने भी इसकी जांच के लिए सैंपल लिया, जिसके नतीजे अभी आने बाकी हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, सीडीएससीओ और एम्स-नागपुर के विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों की मौत के मामलों का संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी किया, जिसमें निर्देश दिया गया कि 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं न दी जाएं।

राजस्थान में एक खांसी के सीरप को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भरतपुर के बयाना और सीकर में जिस खांसी की दवा (डेक्सट्रोमेथॉरफन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप) को पीने से बच्चों के बीमार होने और एक बच्चे की मौत होने का दावा किया जा रहा है

राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में बांटी जाने वाली मुफ्त दवा अब सवालों के घेरे में आ गई है। वजह है एक मासूम की मौत, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। खोरी ब्राह्मणान गांव का 5 साल का नीतियांश, जो पिछले 4-5 दिन से खांसी से परेशान था