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तवायफों के कोठों की रौनक के पीछे उनकी जिंदगी का एक ग़मगीन खंडहर होता है जिसके मलबे में तवायफ बनने की दर्दनाक दास्तां दबी होती है। मिर्जा़ हादी रुसवा की ‘‘उमराव जान अदा’’ऐसी ही...