Maha Shivratri Ke Upay: आज बुधवार के दिन महाशिवरात्रि का व्रत रख शिव पूजन किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ उपाय करने से ग्रहों की स्थिति मजबूत कर सकते हैं और दोष का प्रभाव भी कम कर सकते हैं।
Mahashivaratri Upay: आज महाशिवरात्रि के दिन कुछ उपायों को करने से शिव जी को प्रसन्न किया जा सकता है। शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ एवं सौ वाजपेय यज्ञ के पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
Shiva pooja, Mahashivratri 2025 Time: आज महाशिवरात्रि पर फाल्गुन कृष्ण पक्ष, त्रयोदशी व चतुर्दशी का संयोग है। इस साल अर्धरात्रि में चतुर्दशी तिथि मिल रही है। इस साल की महाशिवरात्रि अत्यन्त शुभ है। जानें पूजा मुहूर्त व विधि-
Mahashivratri 2025: फाल्गुन कृष्ण पक्ष में जिस दिन आधीरात के पहले व आधीरात के बाद चतुर्दशी तिथि प्राप्त हो, वही महाशिवरात्रि है। महाशिवरात्रि के दिन चार प्रहर रुद्राभिषेक पूजन भी विधान है, जिससे समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
Mahashivratri 2025: धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि व्रत करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। शिव पुराण के अनुसार, मात्र शिवलिंग पर जल अर्पित करने से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है।
Mahashivratri 2025 Upay : हर साल फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। महाशिवरात्रि के दिन कुछ उपायों की मदद से भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के साथ संतान-सुख की कामना भी पूरी हो सकती है।
Maha Shivratri 2025: इस शुभ तिथि के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करते व्रत का संकल्प लिया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जो भी जातक इस दिन व्रत रखता है, नियमपूर्वक पूजा करता है, उसकी मनोकामना पूर्ण होने में समय नहीं लगता।
Ravi Pradosh Vrat: रवि प्रदोष व्रत की पूजा संध्या के समय करना लाभदायक माना जाता है। वहीं, रवि प्रदोष के दिन राशि अनुसार कुछ उपाय करने से ग्रहों की स्थिति मजबूत कर सकते हैं साथ ही शिव जी को प्रसन्न भी कर सकते हैं।
Kab hai Mahashivratri 2025 : हर साल महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस खास दिन पर भगवान शिव व मां पार्वती समेत पूरे शिव परिवार की पूजा-अर्चना की जाती है।
Narak Nivaran Chaturdashi 2025: आज मंगलवार के दिन नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत रखा जाएगा। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत व शिव पूजन करने से मृत्यु के बाद नरक की प्राप्ति नहीं होती है।