ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए चार दिनों के सैन्य संघर्ष में हर मोर्चे पर मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने अब रक्षा बजट बढ़ाने का फैसला किया है लेकिन बड़ी बात यह है कि यह फैसला ऐसे समय में किया है, जब वहां लोग दाने-दाने को मोहताज हैं।
वर्ल्ड बैंक के ताजा आंकड़ों ने दो पड़ोसी देशों भारत और पाकिस्तान की गरीबी मिटाने की नीति और नीयत का अंतर साफ कर दिया है। बताया कि एक तरफ भारत ने गरीबी से जंग जीत ली है, दूसरा पाक भुखमरी के दलदल में फंसता जा रहा है।
पाकिस्तान के बजट पूर्व आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर ब्याज का बोझ इसी तरह बढ़ता रहा और अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह दीर्घकालिक राजकोषीय स्थिरता और आर्थिक सुरक्षा को खोखला कर सकता है।
शरीफ ने इस दौरान एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप को क्रेडिट दिया और कहा कि आपने ही भारत से तनाव खत्म कराया और सीजफायर हुआ। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने दिखा दिया कि वह शांति के पक्षधर हैं और कारोबार को बढ़ावा देने वाले हैं। हम चाहते हैं कि वह भारत के साथ हमारी वार्ता करा दें।
भारत से उलझने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद पतली हो चुकी है। पाकिस्तान के खुद के मंत्री ने बताया है कि पाकिस्तान में 100 से ज्यादा विकास योजनाओं को रोक दिया गया है।
बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी शहर सुराब पर कब्जे का दावा किया है। विद्रोहियों ने एक बयान में कहा कि उसने कई सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया और सेना-पुलिस के हथियार भी लूट लिए। कई पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार भी किया गया।
शरीफ ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में जब ग्लेशियरों के संरक्षण पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, तब उन्होंने भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) का मुद्दा उठाया।
शहबाज शरीफ ने बार-बार दोहराया कि हम आतंकवाद के मसले पर भी बातचीत के लिए तैयार हैं। इसके अलावा कश्मीर, पानी और व्यापार भी बात करने की इच्छा जताई। एक तरफ शहबाज शरीफ का रुख भारत के प्रति इतना नरम हो गया है, लेकिन आसिम मुनीर के तेवर बरकरार हैं। गुरुवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने यह साबित कर दिया।
भारत ने छह मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की।
दोनों देशों की ओर से जारी बयान में गाजा का जिक्र हुआ और ईरान से लेकर पाकिस्तान तक ने इजरायल की तीखी निंदा की। ईरान ने एक बात के लिए पाकिस्तान की तारीफ की कि पश्चिमी दबाव के बाद भी उसने इजरायल के साथ संबंध सामान्य करने की पहल नहीं की।