जूनियर डॉक्टर ने कहा, ‘राज्य सरकार समय सीमा के भीतर हमारी मांगें पूरी करने में विफल रही, इसलिए हम अपनी मांगें पूरी होने तक आमरण अनशन शुरू कर रहे हैं। इसमें पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हमने उस मंच पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।
जूनियर डॉक्टर ने बताया कि इस घटना में 3 जूनियर डॉक्टर, 3 नर्स और स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गए थे। हादसे के बाद कनिष्ठ चिकित्सकों और नर्स ने बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की मांग को लेकर 'काम बंद करो' प्रदर्शन का आह्वान किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, इसे लेकर बंगाल के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के ओएसडी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। यह एफआईआर टीएमसी सांसद के कार्यालय की ओर से दर्ज कराई गई है।
हॉस्टल वार्डन की कुछ दिन पहले शादी हुई थी। इसके बाद से ही उसका पति अक्सर छात्रावास आता रहता था। वह रात भर पत्नी के साथ रुकता भी था। मगर, इसकी जानकारी छात्रावास के अधिकारियों को नहीं थी।
सीबीआई अधिकारी ने बताया कि बिस्वास कथित तौर पर मेडिकल कॉलेजों में सक्रिय ‘उत्तर बंगाल लॉबी’ का हिस्सा हैं। उन्हें 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में देखा गया था।
प्रदर्शनकारी चिकित्सकों में शामिल अनिकेत महतो ने कहा, ‘हमने आज से काम पर लौटना शुरू कर दिया है। हमारे सहकर्मी केवल आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं में अपने-अपने विभागों में काम पर लौटना शुरू कर चुके हैं।'
कोलकाता पुलिस के नए आयुक्त मनोज वर्मा ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या कर दी गई थी।
पुलिस की सुरक्षा में करीब 30 चिकित्सक शाम करीब 6.20 बजे मुख्यमंत्री बनर्जी के आवास पर पहुंचे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शाम पांच बजे होने वाली बैठक शाम 7 बजे के आसपास शुरू हुई।
आंदोलनकारी डॉक्टर्स ने कहा, ‘हम इस बात पर जोर देना चाहेंगे कि बैठक की वीडियोग्राफी दोनों पक्षों के अलग-अलग वीडियोग्राफर की ओर से की जाए। अगर आपकी तरफ से ऐसा करना संभव न हो, तो बैठक की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग हमें सौंप दी जाए।'
डॉ. सुबर्ण गोस्वामी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि डॉक्टर्स और मुख्यमंत्री के बीच बैठक होनी चाहिए। मगर, पारदर्शी भरे माहौल में यह मीटिंग हो। जूनियर डॉक्टरों को विश्वास में जाना जरूरी ताकि वे अपनी मांगों को ठीक से उठा सकें।’
सीबीआई ने शनिवार शाम अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया था। संदीप घोष के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप भी जोड़ा था। घोष फिलहाल आरजी कर अस्पताल से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, तनय पाल बच्चों के वार्ड में आया और महिला को गलत तरीके से छूने लगा। उसने उसे निर्वस्त्र करने का भी प्रयास किया। आरोपी ने इस घटना को अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर लिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, उस समय संदीप घोष की उम्र 45 साल थी। वह हॉस्पिटल में क्लिनिकल अटैचमेंट प्रोग्राम के हिस्से के रूप में हांगकांग गए थे। तब वह मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग के चीफ फिजिशियन थे।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से बलात्कार और हत्या की घटना हुई थी। इसे लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच घोष को सीबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था।
ट्रेनी डॉक्टर की मां ने सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, 'अगर ऐसी घटना उनके घर पर हुई होती तो क्या वह ऐसी बात कहतीं।'
ममता बनर्जी ने कहा कि विनीत गोयल ने प्रदर्शनों के बाद इस्तीफे की पेशकश की है, लेकिन हमें दुर्गा पूजा के मद्देनजर ऐसे किसी व्यक्ति की जरूरत है जिसे कानून व व्यवस्था की समझ हो।
ममता बनर्जी कहती हैं, ‘बिहार के लोगों से मैं हाथ जोड़कर गुजारिश करती हूं। भाई लोग, हम आपको अपने घर का ही आदमी सझते हैं। आप काम करते हैं तो यह सोचिए कि यह भी आपका ही घर है।’
आरोपी संजय रॉय कोलकाता पुलिस का वालंटियर रहा है, जिसने 10 अगस्त को अपनी गिरफ्तारी के बाद अपराध कबूल कर लिया था। हालांकि, अब वह अपने कबूलनामे से मुकर गया है।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिल संदीप घोष को गिरफ्तार कर लिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार मामले में हुई है।
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि लाहिड़ी उन तीन लोगों में शामिल थे जिन्होंने रैली का बुलावा दिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प में 41 पुलिसकर्मी घायल हुए।
क्लिप को लेकर दावा किया गया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के 2 जूनियर डॉक्टर्स बातचीत कर रहे हैं। इसमें कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के प्रभाव और पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ टीएमसी के साथ उनके संबंधों का जिक्र है।
कौशिक लाहिड़ी ने कहा, ‘सुबह 10:50 बजे किसी ने खुद को डिप्टी सुपर बताया और पीड़िता के पिता को फोन किया। उसने बताया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की है। मगर, उन्हें पता था कि यह आत्महत्या का मामला नहीं है।’
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'मैंने डॉक्टर के परिवार के घर जाकर उनसे काफी देर तक बात की। पुलिस ने परिवार को घर में नजरबंद कर रखा है। वह तरह-तरह के बहाने बनाकर उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दे रही।'
मालूम हो कि पीड़िता के परिवार ने कोलकाता कांड में गैंगरेप की आशंका जताई थी। उनका कहना है कि इस जघन्य घटना को अंजाम देना किसी एक व्यक्ति के लिए संभव नहीं था।
सीनियर आईपीएस अधिकारी ने कहा, 'सेमिनार हॉल का माप 51x32 है। इसके अंदर जिस जगह पर पीड़िता का शव मिला, उसे पर्दों से घेर दिया गया था। ऐसे में वहां पर किसी के प्रवेश करने का सवाल ही नहीं उठता है।'
आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॅाक्टर का शव मिला था। आरोप है कि दुष्कर्म के बाद उसकी जघन्य हत्या कर दी गई। इस घटना के खिलाफ देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर निर्देश जारी किए थे। अली ने घोष के कार्यकाल के दौरान मेडिकल कॉलेज में वित्तीय कदाचार की प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जांच कराने की मांग की थी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने संजय रॉय को कोलकाता की एक अदालत में पेश किया था। इस दौरान मामले में आरोपी और संदिग्धों के पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत मांगी गई थी।
सीबीआई अधिकारी ने बताया, ‘दरवाजे की कुंडी टूटी हुई थी जिसकी वजह से दरवाजा ठीक से बंद नहीं हो रहा था। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि अपराध के दौरान क्या कोई व्यक्ति सभागार के बाहर मौजूद था।’
जांच एजेंसी ने कहा कि पत्र में जिस उप महानिरीक्षक डॉ. आकाश नाग का हवाला दिया गया है, उस नाम का कोई अधिकारी ब्यूरो में काम नहीं करता है। इस लेटर में कही गईं सभी बातें झूठी हैं।