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Rajendra Dhrupapkar की खबरें

अब क्या उठेंगी उनकी उंगलियां

अब क्या उठेंगी उनकी उंगलियां

पिछले कई दिनों से मुझे अपनी देशभक्ति पर संदेह होने लगा है। क्या करें, माहौल ही ऐसा है कि हर तरफ संदेह ही संदेह है। ऐसे में, घर से बाहर निकलो, तो ऐसा लगता है कि कई सारी उंगलियां आपकी ओर उठी हुई...

Thu, 02 Aug 2018 12:51 AM
जन-कल्याण के कद्दू का जायका

जन-कल्याण के कद्दू का जायका

सरकार से मुझे वैसे कोई खास दिक्कत नहीं है, जैसे मुझे कद्दू से नहीं है। कद्दू मुझे कोई खास पसंद नहीं है, लेकिन मैं उसकी सब्जी खा लेता हूं। लेकिन जैसे कोई कद्दू का भक्त हो जाए और मुझसे कहे कि मुझे...

Wed, 30 May 2018 09:37 PM
अपने ज्ञान से अनजान सभ्यता

अपने ज्ञान से अनजान सभ्यता

आजकल बहुत सारे लोग बता रहे हैं कि प्राचीन भारत में क्या-क्या था? कंप्यूटर से लेकर सैटेलाइट फोन और मोतियाबिंद के ऑपरेशन से लेकर प्लास्टिक सर्जरी तक। ऐसा नहीं है कि यह जानकारी लोगों के पास पहले नहीं...

Wed, 23 May 2018 09:27 PM
नीचे पान की दुकान, ऊपर सीएम का फरमान

नीचे पान की दुकान, ऊपर सीएम का फरमान

सन 2018 में भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब को पाना है। जहां हम अभी सारे देश में इंटरनेट नहीं पहुंचा पाए हैं, उन्होंने महाभारत काल में भी इंटरनेट के कनेक्शन पहुंचा दिए।...

Wed, 02 May 2018 10:07 PM
अब जिद बन चुकी हैं वे नादानियां

अब जिद बन चुकी हैं वे नादानियां

जब हम लोग नौजवान थे, तो लेखक बनना चाहते थे। आजकल के लोगों को यह कुछ अजीब लगेगा, लेकिन एक जमाने में नौजवानों में से काफी लोग ऐसा सोचते थे। हर दौर की अपनी मूर्खताएं होती हैं, वैसे भी उस उम्र में समझ...

Wed, 25 Apr 2018 10:20 PM
काला अक्षर अर्थशास्त्र बराबर

काला अक्षर अर्थशास्त्र बराबर

अर्थशास्त्र के साथ मेरा रिश्ता हमेशा गड़बड़ रहा है। जो आदमी हर बार नोट गिनने में अलग-अलग संख्याओं तक पहुंचे और कैलकुलेटर से जोड़ करने में भी गलत उत्तर पाए, उसका क्या हो सकता है? अगर कैलकुलेटर में आप गलत...

Wed, 04 Apr 2018 09:12 PM
राज चला रही जनता के कपड़े

राज चला रही जनता के कपड़े

एक बहुत मशहूर दंतकथा है उस राजा की, जिसे शानदार पोशाक पहनाने के नाम पर निर्वस्त्र कर दिया जाता है और जो इतराता हुआ अपनी अदृश्य पोशाक का प्रदर्शन करने बाहर निकल आता है। यह कहानी उस दौर की है, जब राजा...

Wed, 28 Mar 2018 08:22 PM
हर एक हादसा है खुशी की निशानी

हर एक हादसा है खुशी की निशानी

खुशियां खूंखार होती जा रही हैं। आजकल देश में उत्सव या खुशियां मनाने का यह नया तरीका पिछले कुछ वर्षों से चल पड़ा है। होली हो, दिवाली हो, कोई भी त्योहार हो, दो-चार लोगों की पिटाई आम बात है और कुछ की गति...

Wed, 21 Mar 2018 09:42 PM
मैं, मेरे पैसे और मेरा बैंक

मैं, मेरे पैसे और मेरा बैंक

मैं उन लोगों में से हूं, जिन्हें बैंक से अपना पैसा निकालकर लाने में भी बड़ी खुशी होती है। पहले तो बैंक से पैसा निकालना यूं भी कठिन काम होता था। पहला संकट तो यह होता था कि न जाने क्यों अगले कुछ लोग बड़ी...

Wed, 07 Mar 2018 09:55 PM
ऑक्सीजन और छोड़ने के नए नियम

ऑक्सीजन और छोड़ने के नए नियम

बहुत साल पहले मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने कहा था कि आम तौर पर पेड़ दिन में प्रकाश संश्लेषित कर के ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं, लेकिन पीपल का पेड़ दिन-रात ऑक्सीजन छोड़ता है। अब राजस्थान के एक...

Wed, 31 Jan 2018 09:15 PM