बिलावल भुट्टो ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को पहुंची गहरी चोट पर भी झूठ बोलते हुए कहा कि हमने इस जंग में जीत हासिल की है। इसके साथ ही बिलावल ने कहा कि हम सिंधु समझौते के लिए जंग को तैयार हैं और भारत से वे तीन नदियां भी छीन लेंगे, जिनका पानी इस्तेमाल करने की परमिशन उन्हें है।
अमेरिका में मुनीर के लंच के बाद पाकिस्तान की खूब किरकिरी हो रही है। अब पाकिस्तान में सेना और सरकार के गठजोड़ पर सवाल उठने लगा है। पाकिस्तानी मीडिया में इसकी खासी आलोचना हो रही है। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने इसको लेकर सवाल उठाया है।
पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार का ये पहला मामला नहीं है। हिंदू लड़कियों और हाल ही में लड़कों के अपहरण, बलात्कार, जबरन धर्मांतरण और उनके अपहरणकर्ताओं से विवाह की खबरें बार-बार सामने आती रही हैं।
76 साल की पाकिस्तानी एक्ट्रेस आयशा खान का शव कराची स्थित उनके फ्लैट में मिला। वो कई सालों से अकेली रह रही थीं। मौत की जांच जारी है। अभी शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
आसिम मुनीर को बुलाकर बात करने से कयास लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि ईरान और इजरायल की जंग के मद्देनजर ट्रंप ने उन्हें बुलाया था और आसिम मुनीर को वाइट हाउस में लंच कराने की कीमत वसूली जा सकती है। इस मीटिंग को लेकर डॉन के एक लेख में कहा गया है कि कोई भी लंच फ्री नहीं कराता।
पाकिस्तान की तरफ से कुछ दिन पहले ईरान के लिए इजरायल पर हमला करने तक के दावे किए गए। अचानक पाक के सुर बदल गए हैं। उसने कहा कि अभी तक ईरान से उसे मदद का कोई संदेश नहीं मिला।
दिलचस्प तथ्य है कि एक सेना प्रमुख को लेकर दावा किया जा रहा है कि उसकी ट्रंप से कारोबार को विस्तार देने पर बात हुई। यह सच है तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज के लिए अपमानजनक है। दो देश के राष्ट्राध्यक्षों के बीच ही व्यापार को लेकर बात होती है, लेकिन ट्रंप से मुनीर की वार्ता सवाल खड़े करने वाली है।
निवेशक पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में होने वाली मुलाकात से उम्मीदें लगा रहे थे, लेकिन इस बैठक के बाद कोई ऐलान नहीं हुआ। इससे निवेशकों का मनोबल गिर गया और शेयर नीचे आ गया।
पाकिस्तान पर अकसर हमलावर रहने वाले ट्रंप आखिर मुनीर से क्यों मिल रहे हैं और अचानक इतनी मेहरबानी की क्या वजहें हैं। पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की ट्रंप से मुलाकात को उनके देश में काफी तवज्जो दी जा रही है और पाक इसे अपने लिए बढ़त के तौर पर देख रहा है। लेकिन जानकार इसकी वजह कुछ और मानते हैं।
आने वाले दिन यह साफ करेंगे कि क्या पाक वाकई मुस्लिम एकता का दिखावा कर रहा है या यह उसकी रणनीतिक चाल है। फिलहाल, यह मुलाकात वैश्विक कूटनीति में एक नया मोड़ जरूर लाई है, जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं।