संकट में अन्नदाता: हुजूर इस बार तगड़ी मार पड़ी है, कुछ कीजिए, अब तो खेत भी बंजर होते जा रहे हैं
हुजूर, इस बार मौसम की तगड़ी मार पड़ी है, धान-मक्का की फसल तो देखना तक नसीब नहीं हुआ। सालभर क्या खाएंगे इसकी चिंता अभी से ही सता रही है। हमलोग बाहर जाने के लिए मजबूर हैं, सिंचाई का साधन नहीं होने...
Sat, 08 Dec 2018 10:15 PM