
तेज प्रताप के महुआ से चुनाव लड़ने के सवाल पर उनकी बड़ी बहन और राजद सांसद मीसा भारती ने कहा कि वे अपना दल बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं। बड़ी बहन होने के नाते मेरा उनको आशीर्वाद और शुभकामनाएं हैं। ये सच्चाई है, हमारा खून का रिश्ता है। ऐसे में आशीर्वाद ही दे सकती हूं

तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव चुनाव प्रचार के लिए हेलिकॉप्टर पकड़ने के दौरान पटना एयरपोर्ट पर आमने-सामने हुए, लेकिन दोनों के बीच कोई सलाम-प्रणाम तक नहीं हुआ। तेजस्वी खिलखिलाते दिखे तो तेज प्रताप बुझे और हताश।

बिहार चुनाव को लेकर NDA के घोषणा पत्र पर तंज कसते हुए RJD सांसद मीसा भारती ने कहा कि एक करोड़ नौकरी का वादा करने वाले किसके बाप के घर से पैसा लाएंगे। उन्होने कहा कि हम लोगों ने नौकरी का वादा किया था, तो उसे पूरा करके दिखाया। बाप के घर से पैसा लाकर दे दिया।

सरकारी और प्राइवेट महिला कर्मचारियों को एक दिन का पीरियड लीव देने पर कर्नाटक चर्चा में है। लेकिन, बिहार औरतों को यह हक देने वाला पहला राज्य है। लालू यादव ने 33 साल पहले 1992 में ही हर महीने 2 दिन स्पेशल लीव की नीति लागू कर दी थी।

लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी प्रसाद यादव समेत मायका परिवार और राजद से नाराज रोहिणी आचार्या का सुर बदल गया है। नीतीश कुमार के एक भाषण से रोहिणी का टोन बदल दिया और अब उन्होंने कहा है कि चाहे लाख गाली दो, ताली तो तेजस्वी के लिए ही बजेगी।

राजद अध्यक्ष लालू यादव द्वारा परिवार और पार्टी से निकाले गए बेटे तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल को ब्लैकबोर्ड चुनाव चिह्न मिला है। सिंबल की जानकारी देने के लिए तेज प्रताप ने जो पोस्टर बनवाया, उसमें लालू का फोटो नहीं है।

2020 के चुनाव में माहौल और भीड़ के बावजूद तेजस्वी 12 सीट और कुछ हजार वोट के अंतर से नीतीश से हार गए थे। इस चुनाव में बना-बनाया माहौल बिगड़ने की दिशा में बढ़ता दिख रहा है। तेजस्वी तेज प्रताप से फ्री ही हुए थे कि रोहिणी ने झंडा उठा लिया है।

राजद नेता तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव को लेकर लालू यादव का परिवार बिखरता दिख रहा है। लालू की लाडली बेटी रोहिणी आचार्या ने रविवार को सोशल साइट एक्स पर मां-बाप, भाई-बहन समेत पूरे परिवार, पार्टी के साथ ही सभी नेताओं को अनफॉलो कर दिया।

तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव को लेकर लालू यादव के परिवार में ही झगड़ा बढ़ गया है। जब तेज प्रताप यादव परिवार और पार्टी से निकाल दिए गए तो अब रोहिणी आचार्या किसके भरोसे खुलकर सामने आ गई हैं, यह एक सवाल सबके मन में उठ रहा है।

राष्ट्रीय जनता दल की बिहार अधिकार यात्रा बस में तेजस्वी यादव की ही सीट पर संजय यादव के बैठने के खिलाफ रोहिणी आचार्या के खुलकर आने के बाद पार्टी के 2 दलित नेताओं को उसी कुर्सी पर बिठाकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की गई है।