यहीं कहीं रहेंगे केदारनाथ सिंह
हिंदी कविता की एक महत्वपूर्ण पीढ़ी तेजी से विदा हो रही है। यह एक दुखद और डरावना दृश्य है, जहां ऐसे बहुत कम कवि बचे हैं, जिनसे कविता का विवेक और प्रकाश पाया जा सके। पिछले वर्ष कुंवर नारायण, चंद्रकांत...
Tue, 20 Mar 2018 10:15 PM