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Manasa Vacha Karmana की खबरें

जो अपने वश में नहीं

जो अपने वश में नहीं

सुबह से शाम हो गई। उस गुत्थी को वह सुलझा ही नहीं पाए। वह परेशान होने के अलावा कुछ कर नहीं सके। ‘जो चीजें हमारे वश में नहीं हैं, उनके लिए बहुत परेशान नहीं होना चाहिए। कुछ चीजें समय की मांग करती...

Fri, 27 Mar 2020 11:11 PM
निर्जीव चीजों से प्रेम

निर्जीव चीजों से प्रेम

निर्जीव चीजों से भी हमारा एक नाता होता है। हम इसकी जितनी कद्र करते हैं, हमारी संस्कृति में मानवीयता और चेतन-अचेतन के प्रति बोध की भावना उतनी ही गहरी होती है। जापान में एक परंपरा है हारि-कुयो। इसमें...

Fri, 27 Mar 2020 12:00 PM
दृष्टि का कोण

दृष्टि का कोण

मनुष्य अपनी परिस्थितियों की निर्मिति है, पर इसका निर्माता भी। निर्माता और निर्मिति होने के बीच ही हमारा जीवन गुजरता है। अपवाद तभी आते हैं, जब कितना भी सकारात्मक नजरिया रखा जाए, हम कुछ नहीं कर पाते।...

Thu, 26 Mar 2020 02:19 PM
मुखौटा उतारिए

मुखौटा उतारिए

हर आदमी का चेहरा एक खास फॉर्मूले पर बना होता है। पुरुष हो या स्त्री, उनका चेहरा-मोहरा एक तय फॉर्मूले या पैटर्न से विकसित होता है। चाहे वे किसी भी देश के निवासी हों, उनका मानदंड प्राय: समान होता है।...

Thu, 12 Mar 2020 11:27 PM
यिन और यांग

यिन और यांग

चीनी दर्शन पृथ्वी के प्राचीनतम दर्शनों में से एक है। वहां के प्रसिद्ध दार्शनिक लाओत्जु ने अस्तित्व के नियमों की बहुत गहरी खोज की है, जो रहस्यपूर्ण है और वैज्ञानिक भी। उनका एक प्रतीक, जो स्त्री और...

Sun, 01 Mar 2020 11:00 PM
मन की ताकत का दोहन

मन की ताकत का दोहन

कागज पर हम सब लिखते हैं और फिर उसमें से कुछ याद रहते हैं और कुछ भूल जाते हैं। ऐसी-ऐसी बातें भी भूल जाते हैं, जो हमारे जीवन के लिए अनिवार्य सी हैं। अमेरिकी मनोवैज्ञानिक एरिक एरिक्सन कहते थे कि इंसानी...

Wed, 12 Feb 2020 11:36 PM
खग कुल और हम

खग कुल और हम

आए हुए मेहमान विदा हो रहे हैं। पर विडंबना है कि उनके बारे में हमें अब भी नहीं पता। वे कौन हैं, कहां से आए हैं, क्यों आए और कितनी दूर उन्हें जाना है? वे ही क्यों, हमें अपने यहां की चिड़ियों के बारे में...

Fri, 31 Jan 2020 12:46 AM
इच्छाओं के लिए

इच्छाओं के लिए

कैफी आजमी ने लिखा है- इंसां की ख्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं/ दो गज जमीं भी चाहिए, दो गज कफन के बाद।  हालांकि एक तरफ हमारे पास अंतहीन इच्छाएं हैं, तो दूसरी तरफ किसी से पूछें कि कौन सी ऐसी इच्छा...

Thu, 30 Jan 2020 12:30 AM
मुमकिन-नामुमकिन

मुमकिन-नामुमकिन

बनारस के घाट पर एक वृद्ध ब्रिटिश की कही बातें हमेशा याद रहेंगी। उन्हें धड़ल्ले से हिंदी बोलता देख मैंने पूछा कि आपने यह भाषा क्यों सीखी? उन्होंने कहा, बस इसलिए कि सीखना जरूरी है। पता चला कि वह अभी...

Thu, 23 Jan 2020 11:59 PM
जिन प्रेम कियो

जिन प्रेम कियो

दिवस तो अक्सर आयोजन निपटाने में ही खत्म हो जाते हैं। उसकी भावना पर गंभीर विचार के लिए उस दिन ज्यादा वक्त ही कहां मिलता है? इसलिए कुछ चीजें अगले दिन भी सोचनी चाहिए। जैसे दो जनवरी को सोचें कि नए साल की...

Wed, 14 Feb 2018 10:02 PM