मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। इसके अलावा सदन के बाहर भी विपक्षी दलों के विधायकों ने प्रदर्शन किया। इन लोगों की मांग है कि राज्य सरकार में मंत्री नितेश राणे को पद से हटाया जाए। नितेश राणे फायरब्रांड नेता हैं, जो लगातार बयान देते रहे हैं।
इस घटना की रिपोर्टिंग न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट जैसे अखबारों ने भी की थी, जो रिपोर्ट्स आज भी मौजूद हैं। उस दंगे का पैटर्न भी एकदम वही था, जैसे सोमवार को घटना हुई। हिंदू संगठनों के लोग लक्ष्मी पूजा के बाद शोभायात्रा निकाल रहे थे और दूसरे पक्ष से हमला बोल दिया गया। ऐसा ही सोमवार को भी हुआ।
कैस्मे जन्म से देख नहीं पाती हैं। वह जर्मनी के डुइसबर्ग की रहने वाली हैं और 21 वर्ष की उम्र में ही भारतीय संगीत और भाषाओं में अपनी प्रतिभा से दुनिया भर में प्रशंसा बटोर रही हैं।
सुनीता विलियम्स को लिखे पत्र में पीएम मोदी कहते हैं कि हमें आप पर और आपके काम पर गर्व है। उन्होंने कहा कि मैं जब अमेरिका दौरे पर गया तो उस दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आपकी सेहत के बारे में पूछा था। पीएम मोदी ने लिखा कि आपकी उपलब्धियों पर 1 अरब 40 करोड़ भारतीय गर्व करते हैं।
आरोप है कि इन कंपनियों ने जॉर्ज सोरोस की संस्था के माध्यम से फॉरेन एक्सचेंज की गड़बड़ी की है। जॉर्ज सोरोस पर भाजपा आरोप लगाती रही है कि वह भारत विरोधी नैरेटिव के लिए फंडिंग करते रहे हैं। जॉर्ज सोरोस की एक संस्था के कार्यक्रम से सोनिया गांधी का लिंक बताते हुए कांग्रेस पर भाजपा ने तीखा हमला बोला था।
विपक्षी दलों ने इस बयान को हाथोंहाथ लिया और बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं ने इसे छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का राजनीतिकरण करने का प्रयास बताया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के आयोजन की संसद में सराहना की और कहा कि इससे देश की एकता का संदेश मिला है। यही नहीं उन्होंने कहा कि महाकुंभ भारत के इतिहास में ऐसा ही क्षण था, जैसा 1857 की क्रांति, भगत सिंह का बलिदान और गांधी का डांडी मार्च था।
राजाराम राजे भोसले महाराजा छत्रपति शिवाजी के छोटे बेटे थे। वह संभाजी राव के सौतेले भाई थे। औरंगजेब द्वारा बेरहमी से संभाजी राव का कत्ल किए जाने के बाद राजाराम राजे ने कमान संभाली थी और 11 वर्षों तक मराठा सेना को हौसला प्रदान किया। उनके दौर में कई बार मुगल सेना को मोर्चे से पीछे हटना पड़ा था।
अजित पवार ने कहा, 'ऐसे नागरिक जो कमजोर आर्थिक वर्ग से नहीं आते हैं, उन्हें भी इस स्कीम का लाभ मिल रहा है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राज्य सरकार जल्दबाजी में स्कीम लाई थी।' दरअसल चुनाव से पहले ही एकनाथ शिंदे के सीएम रहते हुए यह स्कीम लॉन्च हुई थी।
यह मामला 2004-09 के बीच का है, जब यूपीए सरकार में लालू यादव रेल मंत्री हुआ करते थे। अधिकारियों का कहना है कि लालू के अलावा उनके बेटे तेज प्रताप यादव और पत्नी राबड़ी देवी को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। मंगलवार को परिवार के तीनों लोगों को एजेंसी ने तलब किया है।