Hindustan Column की खबरें

नकारात्मकता से दूर

नकारात्मकता से दूर

वे अपनी जिंदगी से ऊब चुके थे। कभी आत्महत्या करने की सोचते, तो कभी घर से भागकर अज्ञात जगह चले जाने की। ऐसी बेचैनी थी कि उन्हें न दिन को चैन और न रात को सुकून। ऐसा लगता कि वह अब अंतर्मुखी हो रहे हैं।...

Tue, 28 Jan 2020 10:56 PM
फल की प्रतीक्षा

फल की प्रतीक्षा

    जब हम जीवन जीने की तैयारी करते हैं, तो हमें बात-बात पर प्रतीक्षा का अभ्यास करना पड़ता है। हम जो भी करते हैं, उसका संबंध उसके परिणाम से होता है। गीता भले उपदेश दे कि कर्म करो और फल...

Mon, 27 Jan 2020 10:58 PM
विश्वास और पर्वत

विश्वास और पर्वत

दवा की दुकान में एक छह साल का बच्चा अपने पंजों पर खड़ा होकर दुकानदार से कह रहा था, ‘मुझे चमत्कार खरीदना है।’ काउंटर पर एक युवती थी। बच्चे का मासूम सवाल सुनकर उसने मजाक में पूछा,...

Sun, 26 Jan 2020 10:59 PM
गण देवता

गण देवता

कल अपना गणतंत्र दिवस है। वह भी सत्तर साल वाला। यह जश्न मनाने की बात है। और मुड़कर देखने की भी कि आखिर हम कहां पहुंचे? उस पर यूं ही सोचते हुए मुझे गणदेवता  की याद आई। अपने होशोहवास में पाठ्यक्रम...

Fri, 24 Jan 2020 11:28 PM
भटकाव की राह

भटकाव की राह

कहा जाता है कि ईमानदारी के लिए किसी बड़ी साधना की जरूरत नहीं होती है। इसे मानव का बुनियादी चरित्र भी माना जाता है, पर हम ज्यों-ज्योें दुनिया के झमेले में उलझते जाते हैं, हमारी ईमानदारी ओझल होती जाती...

Tue, 21 Jan 2020 11:49 PM
एक से अनेक

एक से अनेक

    दुनिया में भला ऐसा कौन है, जो वृद्धि नहीं चाहता। सृष्टि निरंतर विकासशील है। कुछ होना, कुछ बदलना इसका स्वभाव है। सृष्टि की सृजनशीलता से हम भी अछूते नहीं हैं। चाह पूरी हा,े यह कोई...

Mon, 20 Jan 2020 11:34 PM
दाता का सुख 

दाता का सुख 

जोे व्यक्ति पुष्प इकट्ठा करता है, उसके हाथों में कुछ सुगंध रह ही जाती है। मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि खुशी का कोई तय मापदंड नहीं होता। एक मां बच्चे को स्नान कराने पर खुश होती है, छोटे बच्चे मिट्टी के...

Tue, 14 Jan 2020 11:54 PM
दूरदर्शी बनना

दूरदर्शी बनना

आंख के एक प्रसिद्ध डॉक्टर के पास पहुंचे मेरे मित्र ने कहा कि मेरी आंखों का इलाज कीजिए, मुझे दूर तक तो साफ-साफ दिखता है, पर नजदीक की चीजें दिखाई नहीं देतीं। मुझे कागज के छपे अक्षर टेढ़ी-मेढ़ी रेखाओं की...

Mon, 13 Jan 2020 11:55 PM
सुखों की जुगाली 

सुखों की जुगाली 

क्या आप एक ही मजाक पर दोबारा हंस सकते हैं? असंभव। हमें हंसने के लिए हमेशा एक नया मजाक चाहिए। तो फिर आप एक ही दुख पर बार-बार क्यों रोते हैं? एक बार रो लिए, बस। लेकिन मनुष्य का मन बहुत अजीब है, वह अपनी...

Sun, 12 Jan 2020 10:21 PM
अपने काम में खुशी 

अपने काम में खुशी 

    उनसे हाथ मिलाते ही दोस्त ने कहा, ‘यार, तुम खुश नजर नहीं आ रहे। बहुत सारा काम तुम जरूर कर रहे हो।’ वह जवाब में ना-नुकुर ही करते रहे।  दुनिया के महानतम दार्शनिकों...

Sat, 11 Jan 2020 12:01 AM