कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि टिकटों को लेकर खुलकर बोलना मुश्किल था। इसलिए हम लोगों ने चुनाव के दौरान अनुशासन का पालन किया। उदयभान ने कहा, 'कांग्रेस के नेतृत्व और केंद्रीय चुनाव समिति ने ही उम्मीदवारों का फैसला लिया था। मैं और भूपिंदर सिंह हुड्डा तो चुनाव समिति के मेंबर ही थे।
हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज ने एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुझे हराने की कोशिश थी और इसमें प्रशासन भी जुटा था। अनिल विज ने कहा कि मेरी ओर से मंजूर कामों को भी रोक दिया गया था ताकि जनता में गुस्सा आ जाए और मेरी हार हो जाए। पर आप लोगों ने जिता दिया।
फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ एक व्यक्ति ने पुलिस को शिकायत दी है। आरोप है कि मामन खान ने पीड़ित को जान से मारने की धमकी दी है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आरोप सही मिले तो केस दर्ज किया जाएगा।
आपको बता दें कि ईवीएम कंट्रोल यूनिट में पांच सिंगल-यूज एल्कलाइन सेल का पावर पैक होता है। इसकी शेल्फ-लाइफ पांच साल होती है।
अनिज विज ने कहा कि हुड्डा साहब, जो आपके पास था हरियाणा की जनता ने उस पर काटा लगा दिया है। इस पर हुड्डा तैश में आ गए और स्पीकर से कहा कि ये भाषा और तरीका गलत है। मैं अपने विधायक सदन से बाहर ले जाता हूं। मंत्री अनिज विज ने कहा कि जनता बड़ी होती है और उस फैसले को स्वीकार करना चाहिए।
अब कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ही तय करेगा कि हार के बाद भी हरियाणा में हुड्डा के हाथ ही पार्टी की कमान रहे या फिर किसी और नेता को चुना जाए। पर्यवेक्षक के तौर पर अशोक गहलोत, अजय माकन और पंजाब के नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा पहुंचे थे।
हरियाणा यूनिट के सीनियर लीडर कैप्टन अजय यादव ने सोमवार की पार्टी की हार के लिए सूक्ष्म-प्रबंधन की कमी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अब त्यागपत्र की पेशकश कर रहे प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को चुनाव से पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।
नायब सिंह सैनी 2009 में नारायणगढ़ विधानसभा सीट से उतरे थे, लेकिन उन्हें पराजय मिली थी और जमानत तक जब्त हो गई थी। अब हालात ऐसे हैं कि वह दूसरी बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं। वहीं अनिल विज, घनश्याम दास अरोड़ा जैसे दिग्गज नेता उनकी सरकार में मंत्री के तौर पर शामिल हैं।
मीटिंग की अध्यक्षता खुद पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके अलावा बैठक में अमित शाह, डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी रहेंगे। इस मौके पर भारत के विकास और संविधान को लेकर चर्चा होगी। खासतौर पर आपातकाल के 50 साल पूरे होने के मौके पर भी आयोजनों को लेकर चर्चा की जाएगी।
हरियाणा में आज नई सरकार शपथ लेने वाली है। इससे ठीक पहले कांग्रेस पार्टी में नेत प्रतिपक्ष बनने के लिए खेमेबाजी शुरू हो चुकी है। यह लड़ाई भूपिंदर सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच शुरू हुई है।
हरियाणा में दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए नायब सिंह सैनी का नाम तय हो चुका है। बुधवार को उन्हें भाजपा के विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। इसके बाद अब उनके शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने की तैयारी शुरू हो गई है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी दोबारा राज्य की कमान संभालेंगे। उन्हें भाजपा के विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। उनके नाम का प्रस्ताव अनिल विज और कृष्ण बेदी ने किया, जिसे विधायकों ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया गया।
सिरसा की सांसद ने कहा कि इन नतीजों ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को निराश किया है, लेकिन वे हताश नहीं हैं। हाईकमान इस हार की पड़ताल करेगा। कुमारी सैलजा का कहना है कि इस हार पर चिंता करने की बजाय पार्टी को उसके कारणों की पड़ताल करना चाहिए और आगे के लिए मंथन करना होगा। संगठन में बदलाव जरूरी है।
BJP प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भी कहा कि चढ़ूनीजी का जो वक्तव्य आया है, उसने एक बार फिर उजागर कर दिया है कि कांग्रेस की जमीन के अंदर क्या छुपा हुआ है। वह स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि हमने कांग्रेस के पक्ष में किसान आंदोलन खड़ा करके माहौल बनाया और कांग्रेस इसका लाभ नहीं ले सकी।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि हरियाणा के चुनाव परिणाम देखकर ईवीएम से भरोसा उठ गया है। अगर आगे चुनाव निष्पक्ष करवाने हैं तो एआई के इस युग में ईवीएम को हटाना ही एक मात्र विकल्प है।
हरियाणा विधानसभा चुनावों में बीजेपी को अप्रत्याशित जीत मिली है। हालांकि इस चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी पार्टी को कई चिंताएं सता रही हैं।
प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया की सीधे तौर पर सीनियर लीडर कैप्टन अजय सिंह यादव ने आलोचना की थी। उनका कहना था कि चुनाव के बीच में दीपक बाबरिया बीमार थे। वह अस्पताल में एडमिट थे और कामकाज ठप था। यदि ऐसी स्थिति थी तो उन्हें हाईकमान को बताना चाहिए था कि उनका कोई विकल्प देखा जाए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के नतीजों से कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं बेहद निराश हैं। सैलजा ने कहा कि सभी को पार्टी की सत्ता में वापसी का भरोसा था।
विधानसभा चुनाव में बेटे की हार के बाद अब कुलदीप बिश्नोई की नजर राज्यसभा सीट पर है। कृष्ण लाल पंवार ने इसराना विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की है। इसके बाद राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई है।
ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी के आगे इस बार बड़ा संकट खड़ा हो गया है। उसे इस बार के चुनाव में 4.14 फीसदी वोट ही मिले हैं और महज दो सीटों पर ही पार्टी को जीत मिली है। ये सीटें हैं डबवाली और रानियां। डबवाली से आदित्य देवीलाल को जीत मिली है, जबकि रानियां से अर्जुन चौटाला जीते हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बसपा ने भले एक भी सीट पर जीत हासिल न की हो लेकिन पार्टी का मानना है कि वह पहले से मजबूत हुई है। हरियाणा बसपा ने बकायदा आंकड़े पेश करते हुए ऐसा दावा किया है। पार्टी का कहना है कि उसका प्रदर्शन पिछले चुनाव के मुकाबले बेहतर रहा है।
हरियाणा की हार पर चुप्पी तोड़ते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि उम्मीदवारों द्वारा ईवीएम को लेकर भी बातें आ रही हैं। पोस्टल बैलट में 90 में से 76 सीटों पर कांग्रेस की बढ़त थी।
AAP नेता ने कहा कि आज कांग्रेस चाहे तो दोष दे सकती है या आत्मचिंतन कर सकती है, लेकिन अगर वे इतने अहंकारी न होते तो आज हरियाणा में उनकी सरकार होती।
हरियाणा में नई सरकार के गठन की तारीख सामने आ गई है। 17 अक्तूबर को नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस पर तीखा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में तो हमारी पार्टी चुनाव नहीं लड़ी, फिर नरेंद्र मोदी चुनाव कैसे जीत गए। ओवैसी ने इस दौरान नसीहत देते हुए कहा कि अगर मोदी को हराना है तो सबको साथ लेकर चलना होगा।
गुरुग्राम पुलिस ने साई आइना फर्म्स (अब माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड) को धोखाधड़ी का आरोपी बनाया था। इसमें कहा गया कि फर्म ने 1 हजार 497 लोगों से घर के बदले 360 करोड़ रुपए लिए।
भाजपा अब नई सरकार के गठन में भी उन सामाजिक समीकरणों को साधने में जुटी है, जिनके जरिए उसे तीसरी बार लगातार सत्ता हासिल हुई। अब तक मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार में सीएम नायब सिंह सैनी समेत कुल 14 मंत्री होंगे। इन मंत्रियों के माध्यम से 36 बिरादरियों को साधने की कोशिश की जाएगी।
अब इसे लेकर दूसरे विपक्षी दल भी हमलावर हैं। शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा, 'अब कौन देखेगा कि राहुल गांधी ने क्या सबूत पेश किए हैं? चुनाव आयोग तो सबको चूना लगाता है। जनता को यह सोचना चाहिए कि किसने क्या किया है और कौन महाराष्ट्र में क्या करना चाहता है।'
विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार नाकाम होने के बाद कांग्रेस में अंतर्कलह खुलकर सामने आने लगी है। सियासी गणितज्ञों के साथ ही कांग्रेस नेताओं को भी पूरी उम्मीद थी कि माहौल उनके पक्ष में है। लेकिन परिणाम उम्मीदों से उलट रहे। इससे पार्टी नेताओं के साथ कार्यकर्ता भी आहत हैं।
हरियाणा में यह फॉर्मूला हिट होने के बाद अब भाजपा उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह की रणनीति लागू करने के बारे में सोच रही है। आपको बता दें कि यहां 50 प्रतिशत से ओबीसी वर्ग के मतदाताओं की संख्या है।