Horoscope guru atichari: देवगुरु बृहस्पति को धर्म का कारक ग्रह मुख्य रूप से माना जाता है ऐसे में जब देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे तो यह स्थिति उनकी अतिचारी स्थिति कही जाती है।
Guru Atichari 2025 : साल 2025 बहुत खास साल है। दरअसल इस साल 14 मई को ऐसा परिवर्तन हो रहा है, जिसमें गुरु मिथुन राशि में जा रहे हैं। यह गोचर लगभग 13 महीने तक रहेगा
गुरु का राशि परिवर्तन आज कर्क राशि से मिथुन राशि में हो रहा हैं। इसके बाद 15 मई को सूर्य वृषभ राशि में जाएंगे। इसके बाद 18 मई को राहु और केतू गोचर करें। राहु सनि की राशि मीन में जाएंगे और केतू सिंह राशि में जाएंगे। आइए जानें इन ग्रहों का किस राशि पर क्या प्रभाव होगा।
Guru Rashifal Jupiter Transit 2025: गुरु मिथुन राशि में गोचर करने के बाद अतिचारी अवस्था में आ जाएंगे, जिसका अर्थ है गुरु की चाल में तेजी आ जाएगी। 14 मई को गुरु के मिथुन गोचर से कुछ राशियों के अच्छे दिन शुरू हो सकते हैं-
This week Jupiter Horosocope Sun Rashifal Rahu Transit: 14 मई से 18 मई तक इन 4 ग्रहों के गोचर से सभी 12 राशियों पर प्रभाव देखने को मिलेगा। कुछ के लिए समय किसी वरदान से कम नहीं साबित होगा तो कुछ को मुश्किलों का सामना भी करना होगा।
4 मई, 2025 को बृहस्पति वृष राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। 09 जून, 2025 को देवगुरु बृहस्पति अस्त हो जाएंगे। फिर 09 जुलाई, 2025 को उदय होंगे। 11 नवंबर, 2025 को गुरु कर्क राशि में वक्री हो जाएंगे।
गुरु 14 मई को 11.20 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश कर रहे हैं। गुरु इस समय बहुत अधिक लाभ दिलाएंगे। ये आपकी लाइफ में सकारात्मक बदलाव लाएगा। गुरु आपको आध्यात्मिक तौर पर प्रभावित करेगा।
14 मई 2025 को गुरु वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। देवगुरु बृहस्पति को ज्योतिष में विशेष स्थान प्राप्त है। गुरु की चाल बदलने से कुछ राशि वालों को फायदा होगा तो कुछ राशि वालों को सावधान रहने की आवश्यकता है।
Guru Ast 2025 June: जून महीने में देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त होने वाले हैं। गुरु के अस्त होने का कुछ राशियों पर शुभ प्रभाव पड़ेगा। जानें इन राशियों के बारे में-
Jupiter Transit In Gemini : देवगुरु बृहस्पति को ज्योतिष में विशेष स्थान प्राप्त है। देवगुरु बृहस्पति को ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि का कारक ग्रह कहा जाता है।