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दो बजकर 20 मिनट हुए होंगे कि पूरा परिसर गोलियों की आवाज से थर्रा उठा। कोई कुछ समझ पाता, इसके पहले अनर्थ हो चुका था। 17 किशोर छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के शव फर्श पर थे और लगभग इतने ही जमीन पर तड़प...