यूपी में बिजली के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ बुधवार को देश भर के कर्मचारी सांकेतिक हड़ताल पर रहे। इस दौरान कर्मचारियों ने उपकेंद्रों और दफ्तरों के बाहर आकर विरोध प्रदर्शन किया। सरकार को अपनी एकजुटता दिखाई।
यूपी में बिजली विभाग के दो वितरण क्षेत्रों को निजी हाथों में देने के खिलाफ कई दिनों से कर्मचारी आंदोलित हैं। इसी क्रम में बुधवार 9 जुलाई को देशभर के कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान किया है। इस दौरान 27 लाख कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बिजली बिल में गड़बड़ या अधिभार में छूट देकर बिल में सुधार करने का अधिकार उपखंड स्तर पर तैनात एसडीओ को है। एसडीओ को आईडी सुधार करने के लिए एक आईडी और पासवर्ड बिजली निगम से आवंटित होता है। उसी आईडी पासवर्ड से पॉवर कारपोरेशन की वेबसाइट पर उपभोक्ताओं के बिजली बिलों का सुधार किया जाता है।
इसके अलावा बजरंग बली कॉलोनी, सीआईएसएफ कैंपस, फुलिया टोला, एम्स गोलंबर, गौरी शंकर मंदिर, गायघाट गुरुद्वारा, आलमगंज, गुलजारबाग पॉलिटेक्निक, कन्टाही घाट, भद्र घाट, पटनदेवी गेट, पटनदेवी कॉलोनी, पटनदेवी पार्क, पुराना प्रणामी मंदिर, शाही ईदगाह रोड, सर्वे ऑफिस की भी बिजली कटी रहेगी।
बताया जा रहा है कि खेत में धान लगाने के दौरान मोटर के इंजन में करंट था। इसी करंट के चपेट में चार लोग आ गए। तेज करंट लगने की वजह से दो नाबालिग लड़कियों की मौत हो गई। इस घटना के बाद से गांव में कोहराम मच गया है।
निजीकरण के मसले पर आंदोलनरत बिजली कर्मचारियों पर कार्रवाई के बाद अब कर्मचारी संगठनों और पावर कॉरपोरेशन में टकराव बढ़ता दिख रहा है।
निजीकरण के विरोध में जेल भरो आंदोलन के ऐलान पर शुरू हुई पावर कॉरपोरेशन और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच लड़ाई अब एफआईआर तक आ पहुंची है।
यूपी के घरों में ही छोटी दुकान करने वाले करीब 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। यूपीपीएल ने नई दरें तय करने के नियामक आयोग में दाखिल प्रस्ताव में गैर घरेलू बिजली उपयोग में एक किलोवॉट की नई श्रेणी शामिल कर दी है।
यूपी में बिजली निजीकरण को लेकर कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच रस्साकसी चल रही है। निजीकरण का टेंडर जारी होते ही कर्मचारियों ने जेल भरो आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। इससे पहले गुरुवार को पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल ने ऐसा फार्मेट जारी कर दिया जिसे देखते ही आक्रोश फैल गया।
बिजली बिल बकाए को लेकर भेजी गई लिस्ट की बात करें तो पटना पुलिस जिले पर सर्वाधिक 4.17 करोड़ रुपये बकाया है। दूसरे नंबर पर सहरसा जिला है जिसपर 3.84 करोड़ का बिजली बिल बकाया है। गया पर 3.43 करोड़ रुपया बकाया है।