
बरेली में आनन्द आश्रम में देवउठनी एकादशी के अवसर पर संकीर्तन परिवार द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई, इसके बाद राधा-कृष्ण के मधुर भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे। आरती के बाद प्रसाद वितरण भी किया गया। आयोजन में कई सदस्यों ने सहयोग दिया।

मेरठ में देव उठनी एकादशी के बाद विवाह समारोहों की धूम मची। सड़कों पर बारातें और बैंड बाजों की धुनें गूंजने लगीं। कई परिवारों ने पूजा-अर्चना के साथ विवाह मुहूर्तों की शुरुआत की। चातुर्मास के बाद यह शुभ समय माना जाता है, जिससे पूरे शहर में जश्न का माहौल बना रहा।

फोटो 23 देव प्रबोधनि एकादशी पर पूजा की सामग्री खरीदते श्रध्दालुउठो देवा बैठो देवा हाथ फटाकारो देवाउठो देवा बैठो देवा हाथ फटाकारो देवाउठो देवा बैठो देव

देवउठानी एकादशी के अवसर पर जिले में शादी की धूम मची रही। इस दिन बड़ी संख्या में शादियां हुईं, जिससे शहर के सभी बैंकट हॉल भरे रहे। कई स्थानों पर जाम की स्थिति बनी, जिससे बारातियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। हाईवों पर भी कई बारात रास्ता भटक गईं।

बरही गांव में तीन दिनों से चल रहा बेचूवीर मेला रविवार को देव उठानी एकादशी के साथ समाप्त हुआ। मुख्य पुजारी ब्रज भूषण यादव ने विशेष पूजा की और मनरी बजने पर श्रद्धालुओं ने प्रसाद के रूप में अक्षत प्राप्त किया। लाखों भक्त अपनी मनोकामनाओं के साथ मेला में शामिल हुए और चावल का दाना पाने के लिए उमड़ पड़े।

कार्तिक मास की देव उठनी एकादशी पर प्राचीन शिव दुर्गा मंदिर दोघट और पुसार में शालिग्राम तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर भजन कीर्तन, हवन एवं कन्या दान का आयोजन भी किया गया। पंडित सुशील त्रिपाठी ने बताया कि हर वर्ष मंदिर में तुलसी विवाह कराया जाता है।

मनौरी बाजार में शनिवार की रात देवउठनी एकादशी के अवसर पर श्रीश्याम बाबा का जन्मोत्सव मनाया गया। भक्तों ने भजन कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें श्रीश्याम भक्त नाचने लगे। छप्पन भोग अर्पित करने के बाद भक्तों में बांटा गया और भंडारे की व्यवस्था की गई। केक काटने और खिलौनों का वितरण भी हुआ।

रुड़की, संवाददाता। देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर रविवार को शहर से लेकर देहात तक मंदिरों और घरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई।

नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में तुलसी विवाह धूमधाम से मनाया गया। देवउठनी एकादशी पर माता तुलसी का पूजन किया गया। महिलाओं ने पूजा की तैयारियां कीं, दीप जलाए और पारंपरिक गीत गाए। तुलसी माता को सजाया गया और विवाह संस्कार विधिपूर्वक संपन्न हुआ। इस दिन को शुभ कार्यों की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

देव उठनी एकादशी पर रामगंगा घाट पर महाआरती का आयोजन देव उठनी एकादशी पर रामगंगा घाट पर महाआरती का आयोजनदेव उठनी एकादशी पर रामगंगा घाट पर महाआरती का आयोज