इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में लोगों की सिर्फ आर्थिक आकांक्षाएं ही नहीं बढ़ी हैं, उनकी सामाजिक और राजनीतिक आकांक्षाओं ने भी जोर पकड़ा है। ऐसे में, हर स्तर पर लोकतंत्र का विस्तार जरूरी है। किसी भी...
Mon, 21 Jan 2019 12:31 AMएक दफा मैं तबला सीखने गया, तो संगीत-शिक्षक ने कहा कि पहले उंगलियों के जोड़ों पर मुक्के मार-मारकर उन्हें सख्त बनाऊं। यह सुनकर मैं भाग आया। लेकिन जिनकी उंगलियां तवे पर रोटियां सेंकते और ओखरी में अनाज...
Sun, 04 Nov 2018 10:12 PMगेंदा की हाइब्रिड प्रजातियों से परे यह फूल मुझे सबसे अधिक पसंद है। लाल, पीले रंग का छोटा-सा फूल। इसे शिव गेंदा भी कहा जाता है। इसको देखते ही बचपन कुलांचे मारने लगता है। हमारे गांव में सफेद कपडे़ में...
Thu, 01 Nov 2018 12:41 AMहोमी जहांगीर भाभा जवाहरलाल नेहरू के काफी नजदीक थे और दुनिया के उन चुनिंदा लोगों में से थे, जो उन्हें भाई कहकर पुकारते थे। भाभा पर किताब लिखने वाली इंदिरा चौधरी कहती हैं, ‘नेहरू को सिर्फ दो लोग...
Tue, 30 Oct 2018 11:59 PMएक दिन हम जनेश्वर मिश्रा के यहां बैठे थे, किसी बात पर मदनलाल खुराना की चर्चा छिड़ गई। जनेश्वरजी ने बताया कि खुरानाजी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे, हमसे टकराहट होती रही, पर मनभेद कभी नहीं...
Tue, 30 Oct 2018 12:30 AMसऊदी शाह सलमान ने पिछले साल अपने 58 वर्षीय भतीजे मोहम्मद बिन नाएफ को हटाकर बेटे मोहम्मद बिन सलमान को जब क्राउन प्रिंस बनाया था, तब कई लोगों ने इसे पुत्रमोह में उठाया गया कदम बताया, लेकिन दूसरी तरफ...
Sun, 28 Oct 2018 10:45 PMधर्म और संविधान में टकराव न हो, यह असंभव है। धर्म केवल आस्था नहीं है, एक सामाजिक व्यवस्था भी है। आस्था और व्यवस्था, दोनों धर्म में एकरूप होते हैं, जिन्हें अलगाया नहीं जा सकता। मगर जब कोई देश...
Thu, 25 Oct 2018 12:22 AMबहुत साल पुरानी बात है। मैं बहुत छोटी थी। नानी आई थीं। मां उनके बगल में बैठी थीं और हम दोनों बहनें सामने। नानी ने अपना खजाना खोलना शुरू किया। एक बड़ा सा स्टील का डिब्बा निकाला। मैं उतावली हुई, बड़ी...
Wed, 24 Oct 2018 12:19 AMसमाज की तासीर मापने में कई उपादान देखने पड़ते हैं। मसलन, वास्तु कला, रीति-रिवाज, भाषा-बोली, सलीका और चलने की डगर। सटीक उदाहरण देखिए- हम काशी को क्योटो बना देंगे। काशी को समझ लीजिए, तो क्योटो बनाइए।...
Mon, 22 Oct 2018 11:39 PMआकाशवाणी के रागम चैनल पर नित्यानंद हल्दीपुरजी की बांसुरी सुन रहा था। इत्मीनान से पहले सुना नहीं था। हरिप्रसाद चौरसिया और पन्नालाल घोष को ही सुना। सुनकर लगा कि यह तीसरे तरीके से बजाते हैं और लाजवाब...
Sun, 21 Oct 2018 11:33 PM