एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति के सामने पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जेएस खेहर ने कहा कि चुनाव आयोग को बेतहाशा ताकत नहीं मिलनी चाहिए।
पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इस बात पर चिंता जताई कि एक साथ चुनाव कराने से बेहतर संसाधन वाली राष्ट्रीय पार्टियों के प्रभुत्व के कारण छोटी या क्षेत्रीय पार्टियां हाशिए पर चली जाएंगी।
इन दिनों सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ सरकारी आवास खाली नहीं करने को लेकर चर्चा में हैं। सोशल मीडिया ट्रोलिंग के बाद उन्होंने खुलासा किया है कि उनकी बेटियों को दुर्लभ बीमारी है, उनकी देखभाल के लिए विशेष सुविधा वाला घर चाहिए।
देश के पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का बयान आया है। उनका कहना है कि हमारा पूरा सामान पैक है। हम जल्दी ही यहां से निकल जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम रेडी टू मूव हैं और ज्यादा से एक सप्ताह या फिर 10 दिन के अंदर घर खाली कर देंगे।
नियम के मुताबिक रिटायरमेंट के बाद सीजेआई टाइप VII के बंगले में छह महीने तक रह सकते हैं। वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ टाइप VIII में रह रहे हैं। उनका कहना है कि उनका किराए का मकान रेनोवेट हो रहा है और वह जल्द ही सरकारी बंगला छोड़ देंगे।
सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का बंगला खाली कराने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। इसके मुताबिक पूर्व सीजेआई रिटायर होने के बाद भी इस बंगले में रह रहे हैं।
CJI बीआर गवई ने कहा कि आर्टिकल 370 बाबासाहेब की विचारधारा के खिलाफ था। उनका कहना था कि देश को एकजुट रखने के लिए पूरे देश में एक ही संविधान लागू करने की जरूरत है।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे एस खेहर एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव वाले विधेयकों का अध्ययन कर रही संसदीय समिति के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखेंगे।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में दो साल के कार्यकाल के बाद नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें न्यायपालिका में एक प्रगतिशील आवाज के रूप में माना जाता है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में दो साल के कार्यकाल के बाद नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें न्यायपालिका में एक प्रगतिशील आवाज के रूप में माना जाता है।