आदि शंकराचार्य ने गणेशजी के स्वरूप को बहुत सुंदर तरीके से बताया है। वह ‘अजं निर्विकल्पं निराकारमेकं' हैं। वह ‘अजं' यानी अजन्मे हैं, ‘निर्विकल्पं' यानी...
Wed, 12 Sep 2018 01:26 PMकार्तिकेय के साथ प्रतियोगिता के दौरान माता पार्वती और पिता शिव के समक्ष भगवान गणेश ने वेद में लिखित यह वचन कहे, जो आज भी अति महत्वपूर्ण हैं-. पित्रोश्च पूजनं कृत्वा प्रर्कान्तिं च करोति य:। तस्य...
Wed, 12 Sep 2018 09:41 AM