पश्चिम चंपारण के डीएम दिनेश कुमार राय को 26.03 अंक, नवादा के आशुतोष कुमार वर्मा को 26.61 और नीचे से 5वें स्थान पर पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह हैं, जिन्हें सिर्फ 26.92 अंक मिले हैं।
विभाग के अनुसार, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की निदेशक जे. प्रियदर्शनी भोजपुर, पश्चिमी चंपारण, नवादा, बांका में विशेष सर्वेक्षण कार्यक्रम की जांच करेंगी। निदेशक चकबंदी राकेश कुमार पटना के मोकामा, अररिया के सिकटी, सुपौल के निर्मली और सहरसा के बनमा इटहरी जाएंगे।
Bihar Land Survey: देखा जाएगा कि कोई पन्ना जोड़ा या फाड़ा तो नहीं गया है। अगर रजिस्टर में बीच का कोई पन्ना खाली या अधूरा पड़ा है तो उसे लाल कलम से क्रास कर दिया जाएगा ताकि खाली स्थान में कोई कर्मी गलत तरीके से किसी की जमीन से संबंधित जानकारी भर न सके।
अगरआपकी जमीन की जमाबंदी नहीं है तो भी वह आपकी ही रहेगी। इसके लिए आपतक वह जमीन कैसे आयी, इसका प्रमाण देना या बताना होगा।
बिहार में जमीन सर्वे के तहत अब तक 38 लाख लोगों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन स्वघोषणा पत्र दायर कर अपनी भूमि का ब्योरा दिया है। वहीं, राज्य के लगभग 10 हजार राजस्व गांवों में खतियान लेखन का काम पूरा हो चुका है।
बिहार में जमीन सर्वे में गड़बड़ियों के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 15 अक्टूबर से भूमि सर्वे शिविरों पर धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इसकी जानकारी राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने दी है।
बताया जाता है कि उक्त भूमि बियाडा द्वारा ली गई है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजपुर अंचल अंतर्गत अनाबाद बिहार सरकार के नाम पर दर्ज भूमि की जमाबंदी के रद्दीकरण का आदेश दिया गया है।
मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा है कि बाढ़ से प्रभावित जिलों के वैसे भूस्वामी जिनके जमीन के कागजात नष्ट हो गये हैं, उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ऐसे तमाम रैयतों को कागजात उपलब्ध कराएगा।
Bihar Land Survey: विभाग ने अमीनों की इस सुस्ती को गंभीरता से लिया है। विभाग के सचिव जय सिंह ने इसको लेकर सभी जिलों के डीएम से हर अमीन से एक माह में कम से कम 15 से 20 मापी के आवेदन का निष्पादन कराने को कहा है। इससे जमीन मापी की प्रक्रिया सरल होगी और भूमि विवाद के मामले जल्द निपटेंगे।
बिहार के राजस्व मंत्री और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने अपने विभाग को काली कोठरी बताया है। और कहा कि 37 भ्रष्ट सीओ को सजा देने का काम किया गया। 82 सीओ अब भी रडार पर हैं। जमीन सर्वे के लिए किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है।
Bihar Land Survey: डुमरांव के विशेष सर्वेक्षण के बंदोबस्त पदाधिकारी आशुतोष राज ने बताया कि ग्रामीण अपने नजदीकी साइबर कैफे से सीधे बंदोबस्त के पोर्टल पर आवेदन ऑनलाइन कर सकते है।
Bihar Land Survey: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉक्टर दिलीप जायसवाल ने कहा, 'जहां-जहां से इस तरह की शिकायत सामने आ रही है। मामले की जांच करके उस जिले के गांवों की सूची में इसे तुरंत अपडेट कराया जाएगा।
पटना हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि अगर किसी जमीन की जमाबंदी रैयत यानी भू-स्वामी के पास है तो फिर सरकार उस जमीन पर अतिक्रमण का केस नहीं बना सकती है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी डीएम को पत्र लिखा है। उन्होंने सभी जिलों को प्रारूप भेजते हुए अपने यहां की ऐसी जमीनों का ब्योरा देने को कहा है। सभी सरकारी कार्यालयों और विभाग को अपनी जमीन का ब्योरा सर्वे के लिए उपलब्ध कराना है।
चीफ सेक्रेटरी ने अंचल कार्यालय में दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की संख्या अधिक रहने पर सीओ व आरओ को फटकार लगाई और दाखिल-खारिज व परिमार्जन के मामलों का त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया।
संयुक्त अवर निबंधक निखिल अनुराग ने अपने बयान पर केस दर्ज कराया है। उन्होंने पुलिस को बताया है कि तीन अज्ञात शख्स 24 सितंबर की देर रात कार्यालय में घुसे और थैली में अभिलेख लेकर जाते दिखे हैं। घटना सीसीटीवी में कैद हुई है
बिहार में अभी जिले में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। सर्वे के दौरान आमलोगों को कई समस्याएं झेलनी पड़ रही है। रैयत दिन-रात इसी सोच में हैं कि किसी तरह से जमीन के कागजात हासिल करें। ताकि सर्वेक्षण में जब कागजात की पदाधिकारी खोज करें तो दिखलाया जा सके।
Bihar Land Survey: इसी तरह खाता संख्या भरने में भी लोग ऐसा कर रहे हैं, जबकि सभी खाता और प्लॉट संख्या को लिखना अनिवार्य है। जिन लोगों ने इस तरह की गलती करते हुए स्वघोषणा प्रपत्र भरकर जमा कर दिया है। वे लोग फिर से इस प्रपत्र को भरकर जमा कर सकते हैं।
मंत्री दिलीप जायसवाल ने बुधवार को पूरे बिहार के अंचल पदाधिकारियों के साथ दाखिल खारिज को लेकर समीक्षा बैठक की। इसमें उन्होंने जानबूझकर रैयतों के आवेदन नामंजूर करने वाले सीओ को कार्रवाई की चेतावनी दी।
Bihar Land Survey: इसका नंबर 18003456215 है। कार्यालय अवधि में इसपर निशुल्क परामर्श लिया जा सकेगा। विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि जमीन माफिया सर्वे को लेकर कई तरह के अफवाह फैला रहे हैं।
Bihar Land Survey 2024: बाद गया में दो लाख, दरभंगा में करीब दो लाख, समस्तीपुर में 1 लाख फॉर्म ऑनलाइन जमा हुए हैं। शिविरों में जमा कराए गए दस्तावेजों में करीब 20 लाख को स्कैन करके ऑनलाइन जमा कर दिया गया है।
Bihar Land Survey: बहुत से किसानों के पास जमींदारों का दिया हुआ हुकूमनामा है। सर्वे कर्मी उसे कागजात नहीं मान रहे हैं। सरकार के पास जमींदारों द्वारा दिया गया रिटर्न (जमीन का ब्यौरा) का रजिस्टर उपलब्ध नहीं है। अधिसंख्य लोगों ने आपस में मौखिक बटवारा कर लिया जिसके कागजात नहीं बने
Bihar Land Survey: इसमें कैडस्टूल खतियान, रिविजनल खतियान, जमाबंदी पंजी प्रति, दाखिल खारिज वाद अभिलेख, राजस्व मानचित्र, दाखिल-खारिज पंजी, बंदोबस्ती संबंधी अभिलेख, चकबंदी अभिलेख, भू-अर्जन अभिलेख, सीलिंग पंजी, लगान निर्धारण अभिलेख व मापी वाद अभिलेख की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति ऑनलाइन उपलब्ध है।
Bihar Land Survey: 3 महीने का समय लोगों को दिया गया है, ताकि वे अपनी जमीन के कागजात समेत अन्य जरूरी चीजें जमा कर लें। 3 महीने बाद वे रैयतों और जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके फीडबैक लेंगे।
खतियान खराब हो जाने की वजह से किसान भटकने को मजबूर हैं। राजस्व कर्मचारी के पास जो खतियान उपलब्ध हैं, उसमें अधिकतर पन्ने खराब हो चुके हैं। इस होड़ की वजह से किसान हजारों रुपये खर्च करने को तैयार हैं।
Bihar Land Survey 2024: अधिकारी ने बताया कि सर्वे के लिए खतियान के सत्यापित कॉपी की आवश्यकता नहीं है। यदि किसी रैयत के पास खतियान नहीं है, तो कटाई गई रसीद लगाई जा सकती है।
दो पक्षों के बीच जमीन को लेकर विवाद था। एक पक्ष की ओर से हाल ही में जमीन की घेराबंदी कर दी गई, इससे मामला फिर से गर्मा गया। शुक्रवा शाम को दनादन फायरिंग हुई तो वहां मौजूद एक शख्स की गोली लगने से मौत हो गई।
बिहार में 20 अगस्त को जमीन सर्वे की प्रक्रिया शुरू की गई थी। बीते एक महीने के भीतर करीब 36 लाख लोगों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से स्वघोषणा पत्र दाखिल कर दिया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दावा है कि भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया सही चल रही है, जल्द ही इसमें तेजी आएगी।
बिहार में जमीन का मालिकाना हक तय करने और उसे डिजिटल रिकॉर्ड में लेने के लिए चल रहे बिहार जमीन सर्वेक्षण का काम सरकार किसी भी सूरत में नहीं रोकेगी। पंचायत और अंचल में हो रही समस्याओं को देखते हुए मंत्री दिलीप जायसवाल ने हालांकि कह दिया है कि लोगों को पेपर लाने के लिए समय दिया जाएगा।
खतियान या अन्य कागजात लेने पहुंचे लोगों को बताया जाता है कि रजिस्टर-2 क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जो बचा है वह आधा-अधूरा और कटे-फटे स्थिति में हैं। किसानों के नाम जमाबंदी और रकवा का परिमार्जन, दाखिल-खारिज लंबित हैं। पुराने कागजात कैथी भाषा में रहने के कारण कोई समझने और समझाने वाला नहीं मिल रहा है।