पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सहमति मिलने के बाद गाद प्रबंधन नीति बनने का रास्ता साफ हो गया है। इससे नदियों में बाढ़ और सुखाड़ दोनों की समस्या से निजात मिलेगी।
गंगा, कोसी समेत अन्य नदियों के उफान पर आने से बिहार में हर साल बाढ़ आती है। इससे निजात दिलाने के लिए गाद प्रबंधन नीति बनाई जाएगी। केंद्र सरकार ने इस पर सहमति दी है।
पटना के दीघा, गांधीघाट के साथ-सात हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में नदी के जलस्तर में वृद्धि से इसका पानी आसपास के इलाके में तेजी से फैलने लगा है। खासकर दियारा वाले इलाकों में गंगा के पानी का प्रवेश होने लगा है। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने भी अपने स्तर से बचाव की तैयारी शुरू कर दी है।
जल संसाधान विभाग ने गंगा से सटे जिलों को अलर्ट जारी किया है। जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को एहतियातन तैयारी रखने को कहा गया है। अलर्ट जारी करते हुए यह भी कहा गया है कि अगले 24 घंटों में गंगा का जलस्तर बेहिसाब बढ़ेगा।
Bihar Flood: बकरा नदी के पड़रिया घाट पर करोड़ों की लागत से बनी पुल पिछले साल ही ध्वस्त हो गया था। सिकटी के बीडीओ परवेज आलम व सीओ मनीष कुमार चौधरी ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में रुक रुक कर बारिश से बकरा और नूना नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है।
बागमती के जलस्तर में रविवार की सुबह करीब दो से ढाई फीट की वृद्धि दर्ज की गई। नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में 24 घंटे से रुक-रुक कर हो रही बारिश से बागमती और सहायक नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है।
Bihar Flood: नेपाल और झारखंड में बारिश के बाद बिहार की नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हो गयी है। लगभग सारी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा के अलावा, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला बलान, सोन, घाघरा, पुनपुन नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।
जहानाबाद के उदेरास्थान बराज से पानी छोड़े जाने के बाद से उफनाई फल्गू नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। जिसके चलते नालंदा के 3 प्रखंडों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। आपदा विभाग ने बचाव और राहत का कार्य तेज कर दिया है।
Bihar Flood: लबालब भरे फल्गु और तेज धारा देखकर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पचंदेवधाम घाट के समीप नया फोर लेन पुल के नीचे फंसे खानाबदोश लोग चिल्लाने लगे। चिल्लाने की आवाज सुनने के बाद आसपास के लोग पहुंच गए। फोन कर आसपास के तैराक लोगों को बुला लिया गया।
तेज जलधारा में मुजफ्फरपुर के अतरार घाट पर बना चचरी का पुल भी बह गया। तकरीबन डेढ़ से दो सो मीटर का बना यह पुल बहने से औराई प्रखंड के लोगों का लाइफ लाइन कहा जाने वाला रास्ता अवरुद्ध हो गया है।