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भारतीय तीरंदाजी के भीष्म पितामह थे वीके मल्होत्रा, जुनून से बदली थी तस्वीर

भारतीय तीरंदाजी के भीष्म पितामह थे वीके मल्होत्रा, जुनून से बदली थी तस्वीर

संक्षेप: मंझे हुए राजनीतिज्ञ होने के साथ भाजपा के अनुभवी नेता विजय कुमार मल्होत्रा का मंगलवार को 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह एक काबिल खेल प्रशासक भी थे। उन्हें तीरंदाजी को देश के शीर्ष खेलों में शामिल कराने के लिये हमेशा याद रखा जायेगा।

Tue, 30 Sep 2025 02:58 PMBhasha नई दिल्ली
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मंझे हुए राजनीतिज्ञ होने के साथ भाजपा के अनुभवी नेता विजय कुमार मल्होत्रा काबिल खेल प्रशासक भी थे। उन्हें तीरंदाजी को देश के शीर्ष खेलों में शामिल कराने के लिये हमेशा याद रखा जायेगा।

मल्होत्रा का मंगलवार को 93 वर्ष की उम्र में बढ़ती उम्र से जुड़ी बीमारियों के कारण निधन हो गया।

उन्हें 2010 राष्ट्रमंडल खेल भ्रष्टाचार मामले में सुरेश कलमाड़ी के गिरफ्तार होने के बाद 26 अप्रैल 2011 से पांच दिसंबर 2012 तक भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था।

एक स्वच्छ और गैर-टकरावपूर्ण प्रशासक के रूप में जाने जाने वाले मल्होत्रा ने आईओए को उस कठिन समय में मार्गदर्शन दिया जब देश की खेल छवि 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के घोटाले से प्रभावित हुई थी।

दरअसल अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने आईओए प्रशासन में कुछ हद तक पारदर्शिता लाने में कामयाबी हासिल की। ​​वे गुटबाजी से जूझ रही इस संस्था की गंदी राजनीति से काफी हद तक दूर रहे।

मृदुभाषी और मिलनसार व्यक्तित्व वाले मल्होत्रा ​​को दिल्ली स्थित अपने आधिकारिक आवास पर मीडिया से बातचीत करना बेहद पसंद था। उनके अंतरिम कार्यकाल के बाद चुनाव हुए लेकिन उसके बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने आईओए को निलंबित कर दिया।

अभय सिंह चौटाला को अध्यक्ष और ललित भनोट को महासचिव बनाने के बाद आईओए पर चार दिसंबर 2012 को प्रतिबंध लगाया गया जो 11 फरवरी 2014 को ही हट सका। मल्होत्रा आईओए के आजीवन अध्यक्ष बने।

वह 1974 तेहरान एशियाई खेलों में भी भारतीय दल के अभियान प्रमुख थे।

वह 40 साल से अधिक समय (1973 से 2015) तक भारतीय तीरंदाजी महासंघ के अध्यक्ष रहे और तीरंदाजों की पौध तैयार की। दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू उनके कार्यकाल में एएआई कार्यकारी समिति के सदस्य थे।

म्यूनिख ओलंपिक 1972 में तीरंदाजी को ओलंपिक खेल के रूप में चुने जाने के एक साल बाद 1973 में गठित भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के तहत तीरंदाजी ने मल्होत्रा ​​के अथक प्रयासों से भारत में जड़ें जमा लीं। मल्होत्रा 1972 म्यूनिख ओलंपिक में भारतीय दल के साथ गए थे और वहीं उन्हें यह विचार आया।

मल्होत्रा से जुड़े रहे पुराने लोगों का कहना है कि म्यूनिख खेलों में भारतीय तीरंदाजी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था और वहां से लौटकर उन्होंने भारतीय तीरंदाजी संघ का गठन किया।

एएआई के संस्थापक अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने दिल्ली में 1973 में पहली सीनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी चैम्पियनशिप कराई। इसमें 50 महिला और पुरूष तीरंदाजों ने भाग लिया और बांस के बने धनुष बाण से यह खेली गई।

मल्होत्रा ​​और तत्कालीन एएआई महासचिव गोपेश मेहरा ने एशिया में तीरंदाजी की शुरुआत की और एशियाई तीरंदाजी महासंघ (जिसे अब विश्व तीरंदाजी एशिया के रूप में जाना जाता है) का गठन 1978 में एशियाई खेलों के दौरान बैंकॉक में किया गया।

मल्होत्रा ​​​​को उस संस्था का पहला अध्यक्ष और पीएन मुखर्जी को पहला महासचिव चुना गया। भारत ने 1980 में तत्कालीन कलकत्ता में पहली एशियाई प्रतियोगिता का आयोजन किया था। मल्होत्रा ​​​​ने ही 1995 में नई दिल्ली में पहली राष्ट्रमंडल तीरंदाजी चैंपियनशिप आयोजित करने की पहल की थी।

राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के दौरान राष्ट्रमंडल तीरंदाजी महासंघ का गठन किया गया और मल्होत्रा ​​इसके अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में तीरंदाजी को शामिल कराने में अहम भूमिका निभाई।

मल्होत्रा ​​आखिरी बार 2012 में 80 वर्ष की उम्र में एएआई अध्यक्ष बने लेकिन यह चुनाव सरकार की खेल संहिता के तहत आयु और कार्यकाल प्रतिबंध संबंधी प्रावधान का उल्लंघन था। नतीजतन सरकार ने एएआई की मान्यता रद्द कर दी।

उनके कार्यकाल में भारतीय तीरंदाजों ने एशियाई, राष्ट्रमंडल और विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीते लेकिन ओलंपिक पदक अभी तक नहीं मिल सका है।

मल्होत्रा ने 2015 में खेल प्रशासन से विदा ली लेकिन उन्हें खेल मंत्रालय के सलाहकार बोर्ड अखिल भारतीय खेल परिषद का अध्यक्ष बनाया गया जो राज्यमंत्री के समकक्ष दर्जा था।

Chandra Prakash Pandey

लेखक के बारे में

Chandra Prakash Pandey
चन्द्र प्रकाश पाण्डेय टीवी पत्रकारिता से शुरुआत। न्यूज24, हमार टीवी, श्री न्यूज, फोकस न्यूज और न्यूज वर्ल्ड इंडिया में अलग-अलग भूमिकाओं के बाद 2016 में नवभारत टाइम्स.कॉम के साथ डिजिटल पारी का आगाज। देश, दुनिया, राजनीति, खेल, अदालत, अपराध से जुड़ीं खबरों पर लेखन। एनबीटी में करीब 9 साल की शानदार पारी के बाद मार्च 2025 से लाइव हिंदुस्तान का हिस्सा और स्पोर्ट्स डेस्क इंचार्ज। मूल रूप से यूपी के देवरिया के निवासी। सीखने और समझने के सतत क्रम में भरोसा। और पढ़ें

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