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टोक्यो ओलंपिक में डंका बजाने के बाद गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो की ताजा रैंकिंग में भी लगाई लंबी छलांग

टोक्यो ओलंपिक 2020 में देश को गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो की जारी ताजा रैंकिंग में भी अपना दमखम दिखाया है। नीरज 14 स्थान ऊपर चढ़कर जैवलिन थ्रो की रैंकिंग में दूसरे नंबर पर पहुंच...

टोक्यो ओलंपिक में डंका बजाने के बाद गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो की ताजा रैंकिंग में भी लगाई लंबी छलांग
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 12 Aug 2021 08:48 AM

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टोक्यो ओलंपिक 2020 में देश को गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो की जारी ताजा रैंकिंग में भी अपना दमखम दिखाया है। नीरज 14 स्थान ऊपर चढ़कर जैवलिन थ्रो की रैंकिंग में दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। नीरज ने ओलंपिक के फाइनल में 87.58 मीटर का थ्रो फेंककर ट्रैक एंड फील्ड में देश को पहला मेडल दिलाया था। नीरज भारत की तरफ से ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले महज दूसरे ही खिलाड़ी हैं।  गोल्ड मेडल जीतकर स्वदेश लौटने पर नीरज का जोरदार स्वगात किया गया था और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने नीरज को इतिहास रचने के लिए सम्मानित भी किया था। 

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रैंकिंग में नीरज से ऊपर अब सिर्फ जर्मनी के एथलीट जोहानेस वेटर हैं, जो 1392 स्कोर के साथ दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी बने हुए हैं। टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करके लौटे नीरज का जैवलिन थ्रो की रैंकिंग में स्कोर 1315 है। नीरज चोपड़ा की ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने की ऐतिहासिक उपलब्धि को वर्ल्ड एथलेटिक्स ने टोक्यो में ट्रैक एवं फील्ड के 10 जादुई पलों में शामिल किया है। नीरज के गोल्ड मेडल की बदौलत ओलंपिक 2020 भारत के लिए सबसे यादगार रहा और देश ने पहली बार 7 मेडल अपने नाम किए। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में एक गोल्ड, दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल जीते। इससे पहले साल 2012 में लंदन ओलंपिक में भारत ने 6 मेडल जीते थे। 

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नीरज ने बताया था कि ओलंपिक में उनके ऊपर किसी भी तरीके का कोई दबाव नहीं था और वह अन्य इंटरनेशनल टूर्मामेंट्स की तरह ही इसको भी ले रहे थे। उन्होंने कहा, 'किसी तरह का दबाव नहीं था और मैं इसमें (ओलंपिक) किसी अन्य प्रतियोगिता की तरह ही भाग ले रहा था। यह ऐसा ही था कि मैं पहले भी इन एथलीटों के खिलाफ भाग ले चुका हूं और चिंता की कोई बात नहीं है। इससे मैं अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित कर पाया। इससे मुझे गोल्ड मेडल जीतने में मदद मिली।' नीरज ने अपना गोल्ड मेडल दिग्गज मिल्खा सिंह को समर्पित किया था और कहा था कि उनका सपना साकार हुआ। 

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