Tokyo Olympics: क्वालीफिकेशन में टॉप पर रहने वाले सौरव ने फाइनल में सातवें स्थान पर रहकर मेडल जीतने का मौका गंवाया
भारत की पदक उम्मीद निशानेबाज सौरव चौधरी टोक्यो ओलंपिक की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए और उन्हें सातवें स्थान पर रहकर संतोष करना पड़ा। क्वालीफिकेशन...
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भारत की पदक उम्मीद निशानेबाज सौरव चौधरी टोक्यो ओलंपिक की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए और उन्हें सातवें स्थान पर रहकर संतोष करना पड़ा। क्वालीफिकेशन राउंड में शीर्ष पर रहकर फाइनल में प्रवेश करने वाले सौरव पदक से काफी दूर रह गए। आठ निशानेबाजों के इस फाइनल में उन्होंने कुल 137.4 का शॉट लगाया और वह सातवें नंबर पर रहे। फाइनल में उनकी शुरूआत खराब रही और पहले पांच शॉट के बाद 47.7 का स्कोर करके वह आठवें नंबर पर खिसक गए। वहीं 12वें शॉट के बाद वह छठे स्थान पर थे। पहले एलिमिनेशन दौर में वह बच गए लेकिन बाद में लय कायम नहीं रख सके। ईरान के जावेद फोरोगी ने 244.8 के ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड, सर्बिया के दामिर मिकेच ने सिल्वर और चीन के वेइ पेंग ने कांस्य पदक जीता।
Tokyo Olympics: Saurabh finishes 7th in final of men's 10m air rifle
— ANI Digital (@ani_digital) July 24, 2021
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पिछले तीन साल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आठ स्वर्ण जीत चुके सौरव ने जबर्दस्त प्रदर्शन करके छह सीरीज में 586 स्कोर किया। चीन के झांग बोवेन दूसरे और जर्मनी के क्रिस्टियन रीत्ज तीसरे स्थान पर रहे। अभिषेक का स्कोर 575 रहा। सौरभ ने छह सीरीज में कुल 586 का स्कोर किया। उन्होंने 95, 98, 98, 100, 98, 97 का स्कोर किया। भारतीय निशानेबाज को हालांकि चीन के झांग वोबेन से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। इन दोनों में पहले और दूसरे स्थान की रेस चलती रही जिसमें भारतीय निशानेबाज ने बाजी मारी। झांग दूसरे स्थान पर रहे। जर्मनी के रेइट्ज क्रिस्टियन से इन दोनों खिलाड़ियों को शुरू में अच्छी चुनौती मिली लेकिन वह इन दोनों को पीछे नहीं कर पाए और उन्हें तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
एशियाई खेलों और युवा ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता चौधरी ने परफेक्ट 10 स्कोर किया लेकिन पहली सीरिज के दूसरे हिस्से में लय कायम नहीं रख सके । फिर 19वें स्थान से शीर्ष आठ में पहुंचे और परफेक्ट 100 स्कोर किया । बेहद अनुभवी विश्व और ओलंपिक चैम्पियनों के बीच वह बाजी मारने में कामयाब रहे। कोरियाई दिग्गज और चार बार के चैम्पियन जिन जिन जोंगोह भी फाइनल में जगह नहीं बना सके।