सत्यरूप सिद्धांत गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने वाले सबसे युवा पर्वतारोही
पश्चिम बंगाल के रहने वाले सत्यरूप सिद्धांत ने माउंट सिडले को फतह कर इतिहास रच दिया है। वह सात पर्वतों और सात ज्वालामुखी फतह करने वाले सबसे कम उम्र के शख्स बन गए हैं। सबसे कम उम्र में सात पर्वत...
पश्चिम बंगाल के रहने वाले सत्यरूप सिद्धांत ने माउंट सिडले को फतह कर इतिहास रच दिया है। वह सात पर्वतों और सात ज्वालामुखी फतह करने वाले सबसे कम उम्र के शख्स बन गए हैं। सबसे कम उम्र में सात पर्वत शिखरों और सात ज्वालामुखी पर्वतों को फतेह करने वाले पर्वतारोही के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम शामिल किया जाएगा।
उन्होंने गुरुवार को भारतीय समय के अनुसार सुबह 6.28 मिनट पर सातवें ज्वालामुखी पर्वत माउंट सिडले को फतह किया। माउंट सिडले की चोटी पर पहुंचकर सत्यरूप ने तिरंगा फहराकर राष्ट्रगीत गाया और केक काटकर अपनी शानदार उपलब्धि का जश्न मनाया।
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सात ज्वालामुखी पर्वतों और विश्व के सात पर्वत शिखरों पर तिरंगा फहराने वाले सत्यरूप का नाम अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। सातवें ज्वालामुखी पर्वत माउंट सिडले को फतह करने से पहले ही गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने की ऑनलाइन एप्लिकेशन स्वीकार कर ली गई है। वह विश्व के सात पर्वतों और सात ज्वालामुखी पर्वतों पर तिरंगा फहराने वाले पहले भारतीय भी हैं।
इससे पहले सातों महाद्वीपों की सात चोटियों और सात ज्वालामुखी पर्वतों को सबसे कम उम्र में फतेह करने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के पर्वतारोही डेनियल बुल के नाम है। डेनियल बुल ने 36 साल 157 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी। सत्यरूप ने 35 साल 9 महीने में यह उपलब्धि हासिल की है|। सेवन समिट विजय के लक्ष्य के साथ सत्यरूप ने 30 नवंबर 2017 को अंटार्कटिका में माउंट विन्सन मैसिफ पर चढ़ाई कर अपने मिशन के लिए यात्रा शुरू की थी।
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सत्यरूप अब तक जिन पर्वत शिखरों पर तिरंगा फहरा चुके हैं, उनमें अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो, रूस में यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्बरस, अर्जेंटीना में स्थित दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी अकाकागुआ, नेपाल में एशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट, ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट कोजिअस्को और अंटाकर्टिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विन्सनमैसिफ शामिल हैं।
वह सात ज्वालामुखी पर्वतों की भी चढ़ाई कर चुके हैं। वह दक्षिण अमेरिका के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी पर्वत ओजोस डेल सालाडो की भी चढ़ाई पूरी कर चुके हैं। ईरान में माउंट दामावंद, उत्तरी अमेरिका के मैक्सिको में स्थित सबसे ऊंचे ज्वालामुखी माउंट पिको डे ओरिजाबा औरअंटाकर्टिका की चढ़ाई वह कर चुके हैं।
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सत्यरूप ने सिक्किम में मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग बी. टेक की डिग्री ली। वह बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर 2015 से सोल्यूशंस आर्किटेक्ट के रूप में काम कर रहे हैं।
At 10:10 Fluttered the india flag at sidley what a proud moment | Find me with inReachhttps://t.co/uNb1Kmko0r
— Satyarup Siddhanta (@SatyarupS) January 16, 2019
बचपन में सत्यरूप अस्थमा के कारण इनहेलर के बिना 100 मीटर चलने में भी हांफ जाते थे, लेकिन उनके मन में अपनी इस कमजोरी से पार पाने का जुनून था। सत्यरूप ने खुद को पर्वतारोहण के लिए तैयार करने हेतु 7 साल तक कड़ी ट्रेनिंग की थी।