सानिया मिर्जा ने पुलवामा आतंकी हमले पर लिखा संदेश, लेकिन हो गईं ट्रोल
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर आतंकी हमले के बाद पूरा देश रोष में है। क्रिकेट और दूसरे खेलों के खिलाड़ियों ने इस हमले में शहीद हुए जवानों को...
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर आतंकी हमले के बाद पूरा देश रोष में है। क्रिकेट और दूसरे खेलों के खिलाड़ियों ने इस हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी है और साथ ही अपना गुस्सा भी जाहिर किया है। सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और साइना नेहवाल समेत कई दिग्गज खिलाड़ियों ने सीआरपीएफ कर्मियों पर हुए आतंकवादी हमले को घृणित और कायराना करार दिया है।
इस हमले के बाद भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने टि्वटर पर एक लंबा पोस्ट शेयर किया। उनका मानना है कि इस आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करने वाले लोग ही देशभक्त नहीं, लेकिन अपने इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है।
'वर्ल्ड कप 2019 में भारत को पाकिस्तान के साथ नहीं खेलना चाहिए'
सानिया ने लिखा, 'सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के बाद मैंने सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट नहीं किया। क्योंकि मुझे लगता है कि मैं इसके बिना भी देशभक्त हूं। मुझे सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले का गहरा दुख पहुंचा है। मैं आतंकवाद के खिलाफ हूं। कोई भी सभ्य इंसान आतंकवाद के खिलाफ है। जो आतंकवाद के खिलाफ नहीं है तो यह परेशानी वाली बात है। मैं अपने देश (भारत) के लिए खेलती हूं, मैदान पर पसीना बहाती हूं। मैं इस तरीके से अपने देश की सेवा करती हूं। मैं शहीद जवानों और उनके परिवारों के साथ खड़ी हूं। सैनिक ही हमारे देश की रक्षा करते हैं और वही हमारे असली हीरो हैं। 14 फरवरी का दिन भारत के लिए एक काला दिन है। मैं प्रार्थना करती हूं कि हमें आगे ऐसा दिन न देखना पड़े।'
We stand united 🕯 #PulwamaAttack pic.twitter.com/Cmeij5X1On
— Sania Mirza (@MirzaSania) February 17, 2019
सानिया मिर्जा के संदेश के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें इस बात के लिए ट्रोल किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने इसमें पाकिस्तान का कोई जिक्र नहीं किया है। यूजर्स सानिया से इस बात पर नाराज हैं कि उन्होंने संदेश तो बहुत अच्छा लिखा, लेकिन इसमें पाकिस्तान का जिक्र क्यों नहीं किया।
Madam very smartly penned article about terrorism but sorry to say you missed to use Pakistan name in this whole clarification..Why not throw some light on tge Terror factory Pakistan..
— Amit Srivastava (@amitlovesakshat) February 17, 2019
She obviously won't name and shame porkistan bcoz sasural and mayka goes hand in hand, hard to choose at times so I truly understand her pain which is beyond words.
— Insane_expresso (@insane_expresso) February 17, 2019
सानिया जी, आप शहीदों के सम्मान को लेकर टिप्पणी करें अथवा ना करें । उससे देश की भावना को फ्रख नहीं पड़ता । लेकिन फिर भी अगर आप पोस्ट करते है तो शांति की बात अब इस समय बिल्कुल भी ना करे । जब देश का खून उबाल मार रहा हो और आक्रोशित हो ।
— Arvind Gangwar (@ArvindG17044914) February 17, 2019
Had u named Pakistan,it would have been great.
— Satyabrata (@im_Satyabrata_) February 17, 2019
U hv mentioned "there's no place for terrorism".but there exists a nation named Pakistan where terrorism is a religion...
Chaliye koi baat Nahin.aur 2-4 line b likh lijiye dikhane ko
Ma'am, u r right but in your letter u didn't mention anything against Pakistan. We r not questioning ur patriotism but what about Pak. U wrote such a big letter but was there no space for 7 letters - Pakistan ????
— सिंधु (@ImKrSindhu) February 17, 2019
But you can't say anything about Pakistan's support behind this attack...
— SHAILESH PRAJAPATI (@SHAILSAI) February 17, 2019
Pakistan's support to terrorism...
Why..?
बता दें कि सीआरपीएफ का काफिला जब दोपहर में हाइवे से गुजर रहा था, उसी वक्त यह आतंकी हमला हुआ। जिस बस को निशाना बनाया गया, उसमें 42 जवान सवार थे। इस हमले में 40 जवानों के शहीद हो गए हैं। यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में हुआ। इसे जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दशक में सबसे भीषण आतंकी हमला बताया जा रहा है।