इस ताने के कारण विश्व चैंपियनशिप का फाइनल जीतने को बेकरार थीं सिंधु
बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने कहा कि कई टूर्नामेंटों में उपविजेता रहने के बाद लोग उन्हें 'सिल्वर सिंधु' कहने लगे थे, जिसकी वजह से वह पिछले साल विश्व चैंपियनशिप के खिताब को जीतने के लिए...
बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने कहा कि कई टूर्नामेंटों में उपविजेता रहने के बाद लोग उन्हें 'सिल्वर सिंधु' कहने लगे थे, जिसकी वजह से वह पिछले साल विश्व चैंपियनशिप के खिताब को जीतने के लिए बेकररार थीं। सिंधु ने 2016 रियो ओलंपिक में भी रजत पदक जीता था। उन्होंने कहा कि जब लोग कहते थे कि मुझे 'फाइनल फोबिया' है तो बुरा लगता था।
सिंधु ने कहा, ''विश्व चैंपियनशिप (पिछले वर्ष) में यह मेरा तीसरा फाइनल था। मैंने दो कांस्य भी जीते हैं। मुझे लगा कि मुझे किसी भी कीमत पर खिताब जीतना है। मैं खिताब जीतने के लिए बेताब थी। मैं नहीं चाहती थी कि लोग कहें कि वह फिर से फाइनल में हार गई।''
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सिंधु ने भारतीय क्रिकेटर स्मृति मंधाना और जेमिमा रोड्रिगेज के साथ 'डबल ट्रबल' कार्यक्रम में कहा, ''मैंने सोचा कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं 100 फीसदी दूंगी। मुझे यह खिताब जीतना होगा। कई बार लोग मुझे 'सिल्वर सिंधु' कहते थे। कभी-कभी ये बातें मेरे दिमाग में आती हैं।''
पीवी सिंधु ने फाइनल में जापान की नोजुमी ओकुहारा को एकतरफा मुकाबले में 21-7, 21-7 से हराया था। फाइनल शुरू होने की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''अगर हम यह कहें कि चीजें ठीक है और हम एकाग्र हैं तो हम पर दबाव होता है। मैंने सोचा कि पूरा ध्यान अपने खेल पर दूंगी। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और फाइनल जीती।''
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