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अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की बहाली को लेकर खिलाड़ियों में असमंजस, ट्रेनिंग में आ रही परेशानी: गोपीचंद

टूर्नामेंटों के निलंबन और पुन: कार्यक्रम तैयार करने के कारण अभी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन कैलेंडर तय नहीं है और ऐसे में भारतीय कोच पुलेला गोपीचंद ने बुधवार को कहा कि ट्रेनिंग दोबारा शुरू करने को लेकर...

अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की बहाली को लेकर खिलाड़ियों में असमंजस, ट्रेनिंग में आ रही परेशानी: गोपीचंद
भाषा,नई दिल्लीWed, 16 Sep 2020 05:00 PM
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टूर्नामेंटों के निलंबन और पुन: कार्यक्रम तैयार करने के कारण अभी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन कैलेंडर तय नहीं है और ऐसे में भारतीय कोच पुलेला गोपीचंद ने बुधवार को कहा कि ट्रेनिंग दोबारा शुरू करने को लेकर खिलाड़ियों की ओर से थोड़ी अड़चनें आ रही हैं। कोविड-19 महामारी के चलते कई टीमों के हटने के कारण विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) को थॉमस एवं उबेर कप को स्थगित करने के लिए बाध्य होना पड़ा। महामारी के कारण मार्च में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं ठप पड़ने के बाद इस टूर्नामेंट के साथ अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन बहाल होना था।

वैश्विक संस्था ने 20 से 25 अक्टूबर तक होने वाले डेनमार्क मास्टर्स 2020 टूर्नामेंट को भी रद्द कर दिया है। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) की ओर से आयोजित वेबिनार में गोपीचंद ने कहा, ''मेरा मानना है कि हमारे खिलाड़ी इस तथ्य पर विश्वास नहीं कर रहे हैं कि हमारा बैडमिंटन कैलेंडर काफी जल्द शुरू होने वाला है।" उन्होंने कहा, ''इसलिए खिलाड़ियों की ओर से एक साथ जुटने और ट्रेनिंग शुरू करने को लेकर थोड़ी रुकावट आ रही है।"

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हाल में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के पृथकवास से जुड़े नियमों को मानने से इनकार कर दिया था जिसके बाद थॉमस एवं उबेर कप के ट्रेनिंग शिविर को रद्द कर दिया गया था। गोपीचंद का हालांकि मानना है कि ट्रेनिंग की कमी चिंता का कारण नहीं है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा शुरू करने के बाद खिलाड़ी लय में लौट आएंगे। उन्होंने कहा, ''पूरी संभावना है कि डेनिश ओपन होगा और इसके शुरू होने पर खिलाड़ी और कड़ी मेहनत करेंगे।"

गोपीचंद ने कहा कि महामारी ने खिलाड़ियों को अलग अलग तरह से प्रभावित किया है और कुछ खिलाड़ियों ने समय का अच्छा इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा, ''कुछ खिलाड़ियों के लिए यह अच्छा है क्योंकि वे महामारी के कारण मिले समय का सदुपयोग कर रहे हैं, मैं सभी के लिए ऐसा नहीं कहूंगा क्योंकि ट्रेनिंग बहाल करने वाले कुछ खिलाड़ी उस लय में नहीं है जिसमें उन्हें होना चाहिए।

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वर्ष 2006 में भारतीय बैडमिंटन की बागडोर संभालने वाले गोपीचंद ने कहा कि देश को स्थिति से सामंजस्य बैठाना चाहिए और ऐसी लीग शुरू करना हल हो सकता है जिसमें शीर्ष खिलाड़ी जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में एक दूसरे के खिलाफ भिड़ेंगे क्योंकि इससे वे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की बराबरी कर सकते हैं।

गोपीचंद ने कहा, ''दुनिया भर में खेल प्रतियोगिताएं शुरू हो गई हैं और इसका मतलब है कि हमें भी शुरूआत करनी होगी क्योंकि हम पीछे नहीं छूटना चाहते। इसका मतलब है कि हमें सामंजस्य बैठाना होगा क्योंकि हमारे देश में उस तरह के टूर्नामेंटों का आयोजन शायद संभव नहीं हो जिसके हम आदी है। उन्होंने कहा, ''लेकिन शीर्ष खिलाड़ियों के बीच लीग संभव है। इसलिए अगर आप खिलाड़ियों को उनके स्तर के हिसाब से विभाजित करने और प्रतिस्पर्धा शुरू के इच्छुक हैं तो तेजी से जैविक रूप से सुरक्षित माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी।"

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गोपीचंद ने कहा कि खेल से मिले ब्रेक के कारण जूनियर खिलाड़ियों पर अधिक असर पड़ेगा क्योंकि ओलंपिक के लिए जाने वाले खिलाड़ी 2021 में होने वाली प्रतियोगिता की तैयारी के लिए मिले अतिरिक्त समय का फायदा उठाएंगे। ओलंपिक के लिए जाने वाले खिलाड़ियों पर गोपीचंद के रुख से एएफआई अध्यक्ष आदिले सुमारिवाला ने भी सहमति जताई। उन्होंने कहा, ''एक साल के लिए स्थगन से संभवत: एक तरीके से हमारी मदद हुई। अब उन्हें ट्रेनिंग के लिए एक साल का अतिरिक्त समय मिलेगा। मुझे लगता है कि हम अच्छा करेंगे।"

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