Tokyo Olympics 2020: ब्रॉन्ज मेडल लाने वाली लवलीना बोरगोहेन के माता-पिता ने नहीं देखा उनका सेमाफाइनल मैच, जानें क्या है वजह
टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय दल की डार्क हॉर्स साबित हुई बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने भारत की झोली में ब्रॉन्ज मेडल डाल दिया। सारा देश लवलीना के सेमीफाइनल मैच के लिए अपनी नजरें टीवी स्क्रीन पर जनाए हुआ...
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टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय दल की डार्क हॉर्स साबित हुई बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने भारत की झोली में ब्रॉन्ज मेडल डाल दिया। सारा देश लवलीना के सेमीफाइनल मैच के लिए अपनी नजरें टीवी स्क्रीन पर जनाए हुआ था। असम के गोलाघाट शहर के बारोमुखिया गांव में लवलीना के घर पर लोगों का एक बड़ा हुजूम उनके लिए चीयर कर रहा था उसी समय उनके माता-पिता ने उनका मैच मिस किया। मैच देखने के बजाय उनके माता-पिता दूसरे कमरे में बैठ कर अपनी बेटी की जीत के लिए दुआ कर रहे थे। ऐसा नहीं है उनके पिता टिकेन बोरगोहेन और मां मामोनी ने उनका पहला मैच मिस किया है, उनके माता-पिता ने इस ओलंपिक में उनके पिछले मैचों को भी मिस किया था।
लवलीना के पिता टिकेन बोरगोहेन ने हिन्दुस्तान टाइम्स से फोन पर बात करते हुए कहा, 'मुझे अभी मैच देखना है, लेकिन मुझे बताया गया है कि उसने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और आसानी से नीचे नहीं गई। हार और जीत हर खेल का हिस्सा है। हमें उनकी उपलब्धि पर और असम और भारत का गौरव बढ़ाने पर गर्व है। हमें विश्वास है कि वह इस अनुभव से सीख लेगी और एक मुक्केबाज के रूप में सुधार करेगी।' उन्होंने अपनी बेटी से मैच के बाद ज्यादा बातचीत नहीं की है।
लवलीना, भारतीय बॉक्सिंग स्टार मेरीकॉम के बाद ओलंपिक के मंच पर बॉक्सिंग में मेडल लाने वाली पहली खिलाड़ी हैं। उनकी इस जीत पर पूरे देश से बधाई मिल रही है। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें इस जीत के लिए शुभकामनाएं दीं हैं। वहीं असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा, 'असम की बेटी लवलीना बोरगोहेन को ओलंपिक बॉक्सिंग में कांस्य पदक घर लाने के लिए बधाई। आपका नाम असम के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में अंकित हो जाएगा। आपकी अभूतपूर्व उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है।'