विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक शीर्ष अधिकारी का मानना है कि चीन में कोरोना वायरस के फैले संक्रमण के कारण टोक्यो ओलंपिक पर जोखिम मंडराने या आयोजन रद्द होने का कयास लगाना अभी जल्दीबाजी है। डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर पिछले महीने चिकित्सकीय आपातकाल की घोषणा की है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति तथा टोक्यो ओलंपिक के आयोजकों ने बार-बार दोहराया है कि 24 जुलाई से नौ अगस्त के दौरान प्रस्तावित इस आयोजन को लेकर उनके पास कोई आकस्मिक योजना नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र के आपातकालीन कार्यक्रमों के निदेशक माइकल रयान ने डब्ल्यूएचओ के मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन से इतर एपी से मंगलवार को कहा, ''ओलंपिक अभी इस लिहाज से बहुत दूर है कि इसके आयोजन पर हो सकने वाले असर को लेकर कोई सुझाव दिया जाये। हम इस संबंध में निर्णय लेने के लिए वहां उपस्थित नहीं हैं।
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डब्ल्यूएचओ कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के साथ लगातार संपर्क में है। रयान ने कहा, ''हम उन्हें फैसला नहीं सुनाते हैं। हम जोखिम के आकलन में उनका सहयोग करते हैं। हम आने वाले सप्ताहों और महीनों में उनके साथ मिलकर काम करेंगे।''
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से चीन में मरने वालों की संख्या मंगलवार को 1,900 के करीब पहुंच गई है। इससे अभी तक 72 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस संक्रमण के कारण चीन में ओलंपिक क्वालिफायर समेत खेल के कई कार्यक्रम या तो रद्द अथवा निलंबित किए जा चुके हैं या फिर उनका आयोजन कहीं और किया गया।
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चीन ने पिछले ओलंपिक में 400 से अधिक खिलाड़ियों का दल भेजा था और उसने 26 स्वर्णपदकों समेत 70 पदक जीते थे। चीन से बाहर जापान ही इस वायरस के संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है।