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कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: मंत्रालय से नाराज IOA, कहा- खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेनी होगी

ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में शूरू होने वाले 21वें राष्ट्रमंडल खेलों के लिए आज भारतीय टीम को विदाई दी गई। लेकिन भारत के इस बड़े टूर्नामेंट में अपना अभियान शुरू करने से पहले भारतीय ओलंपिक संघ (IOA)...

 कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: मंत्रालय से नाराज IOA, कहा- खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेनी होगी
नई दिल्ली, एजेंसियांThu, 22 Mar 2018 05:25 PM
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ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में शूरू होने वाले 21वें राष्ट्रमंडल खेलों के लिए आज भारतीय टीम को विदाई दी गई। लेकिन भारत के इस बड़े टूर्नामेंट में अपना अभियान शुरू करने से पहले भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और खेल मंत्रालय के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। IOA के अध्यक्ष ने ऑस्ट्रेलिया जाने वाले भारतीय दल में खेल मंत्रालय द्वारा की गई नामों की छटनी पर कड़ा ऐतराज जताया है।

IOA के अध्यक्ष नरेंद्र ध्रुव बत्रा ने गुरुवार को गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के लिये भारतीय दल के साथ जुड़े सपोर्ट स्टाफ और कोचों में 21 नाम काटने के केंद्रीय खेल मंत्रालय के फैसले पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा है कि इसका नुकसान आईओए को नहीं बल्कि देश को उठाना पड़ेगा। भारतीय खिलाड़ी को दिए गए विदाई समारोह के समाप्त होने तक सबकुछ ठीक ठाक चल रहा था लेकिन समारोह के तुरंत बाद आईओए अध्यक्ष बत्रा और महासचिव राजीव मेहता ने मंत्रालय पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने 21 स्टाफ का नाम काट दिया है और कहा कि नाम काटने वाले ऐसे लोग हैं जिनका खेलों से कोई लेना देना नहीं है। बत्रा के इन आरोपों के बाद विदाई समारोह का जैसे तेवर ही बदल गया।

बत्रा ने कड़े शब्दों में कहा, 'मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण के लोग सार्वजनिक धन पर गोल्ड कोस्ट जा रहे हैं, लेकिन जिन खिलाड़ियों को अपनी मदद के लिये सपोर्ट स्टाफ की जरूरत है उनके ही नाम मंत्रालय ने काट दिये हैं। मुझे तो मीडिया से यह पता चला है कि 21 लोगों के नाम काट दिये गये हैं, जिनमें कोच से लेकर फिजियोथैरेपिस्ट तक शामिल हैं।'

आपको बता दें कि विदेशी सरजमीं पर अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद के साथ भारतीय दल को आज केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और आईओए की शीर्ष पदाधिकारियों की मौजूदगी में आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में होने वाले 21वें राष्ट्रमंडल खेलों के लिये आधिकारिक विदाई दी गयी। गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के लिये 222 सदस्यीय भारतीय दल जा रहा है जिनके साथ 3० फीसदी के हिसाब से 74 अधिकारी और 21 अतिरिक्त स्टाफ को जाना था। लेकिन मंत्रालय ने इस अतिरिक्त 21 स्टाफ का नाम काट दिया है और बत्रा की सबसे ज्यादा नाराजगी इसी बात को लेकर है। दल के साथ आईओए की ओर से 11 अधिकारी जाएंगे।

'खिलाड़ियों के प्रदर्शन के लिए मंत्रालय होगा जिम्मेदार'
बत्रा ने खेल मंत्रालय पर भड़कते हुये कहा, 'अगर कल राष्ट्रमंडल खेलों में कहीं भारत का प्रदर्शन खराब होता है तो मंत्रालय को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। मंत्रालय का हमेशा यही रवैया रहा है कि वह हर बात के लिये फेडरेशन को जिम्मेदार ठहरा देते हैं जबकि मंत्रालय और साई के अधिकारी सार्वजनिक धन पर ऐसे खेल आयोजनों में चले जाते हैं।' उन्होंने कहा कि ऐसे बड़े खेल आयोजनों में खिलाड़ी को सपोर्ट स्टाफ की सख्त जरूरत होती है ताकि जरूरत पड़ने पर उसे मदद मिल सके। 

'फिजियो और डॉक्टरों के नाम क्यों काटे'
बत्रा ने कहा कि इस स्टाफ में से कोई भी सार्वजनिक धन पर नहीं जा रहा था बल्कि इन्हें फेडरेशन के खर्चे पर भेजा जा रहा था। उन्होंने कहा, 'मुझे समझ नहीं आता कि फिजियो और डाक्टरों के नाम क्यों काट दिये गये हैं। हम एक ऑथोर्पेडिक और फिजिशियन को भेज रहे थे, जिनमें फिजियो का नाम काट दिया गया है। मंत्रालय के नाम काटने के बाद मेरे पास कोई अधिकार नहीं रह जाता कि मैं इस फैसले को बदल सकूं।' उन्होंने कहा कि हालांकि हमारे पास अभी पूरी सूची नहीं है कि किसके नाम कटे हैं। जैसे ही यह सूची मिलती है आईओए की ओर से मंत्रालय से आग्रह किया जाएगा कि टीम जरूरत के हिसाब से इन लोगों को गोल्ड कोस्ट भेजा जा सके।

बत्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके मंत्रालय के साथ किसी तरह की कोई लड़ाई नहीं है। लेकिन वह सिर्फ यह बताना चाहते हैं कि इस तरह का स्टाफ खिलाड़ियों की जरूरत के लिये टीम के साथ होना चाहिये लेकिन उनकी बात को मंत्रालय के अधिकारी समझ नहीं पा रहे हैं।

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