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FOOTBALL: तारीफें बटोर रहे स्टीमाक की थाईलैंड में होगी 'पहली परीक्षा' 

क्रोएशियाई कोच इगोर स्टीमाक की देखरेख में भारतीय फुटबॉल टीम किंग्स कप में हिस्सा लेने के लिए थाईलैंड रवाना हो चुकी है। बीते महीने मुख्य नियुक्त होने वाले स्टीमाक अपने 'प्रोफेशनल एटीट्यूड और...

FOOTBALL: तारीफें बटोर रहे स्टीमाक की थाईलैंड में होगी 'पहली परीक्षा' 
एजेंसी,नई दिल्लीSun, 02 Jun 2019 08:11 PM
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क्रोएशियाई कोच इगोर स्टीमाक की देखरेख में भारतीय फुटबॉल टीम किंग्स कप में हिस्सा लेने के लिए थाईलैंड रवाना हो चुकी है। बीते महीने मुख्य नियुक्त होने वाले स्टीमाक अपने 'प्रोफेशनल एटीट्यूड और डिफरेंट अप्रोच' के कारण खिलाड़ियों की तारीफें बटोरे चुके हैं लेकिन अब देखने वाली बात यह है कि वह अपनी टीम को पहली बार यह खिताब दिला पाते हैं या नहीं।

क्रोएशिया के लिए विश्व कप खेल चुके 51 साल के स्टीमाक ने भारत पहुंचने के साथ ही भारतीय फुटबॉल को 'अगले स्तर' पर ले जाने का ब्ल्यूप्रिंट अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के सामने रखा। इसके बाद 21 मई से वह 37 खिलाड़ियों के साथ नई दिल्ली में अपने पहले अंतरार्ष्ट्रीय अभियान के लिए तैयारियों में जुट गए। इनमें से स्टीमाक ने 23 खिलाड़ियों का चयन किया, जिनमें एएफसी एशियन कप में खेल चुके नीशू कुमार का नाम नहीं है। स्टीमाक की पहली टीम में छह नए चेहरे हैं।

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किंग्स कप में भारत दूसरी बार हिस्सा ले रहा है। 1977 में उसने पहली बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था और तीसरे स्थान पर रहा था। इसके बाद उसे इस टूर्नामेंट में खेलने का सौभाग्य नहीं मिला। इस बार हालांकि भारत फाइनल खेल सकता है क्योंकि वियतनाम को छोड़कर अन्य दो टीमें रैंकिंग में उससे नीचे हैं। ऐसे में भारत को बस प्रैक्टिल अप्रोच के साथ मैदान में उतरना होगा और स्टीमाक की देखरेख में आयोजित कैम्प में इसे लेकर काफी काम हुआ है।

किंग्स कप में इस साल मौजूदा चैम्पियन स्लोवाकिया हिस्सा नहीं ले रहा है। भारत के अलावा तीन टीमें-मेजबान थाईलैंड, कैरेबियाई द्वीप कुराकाओ और वियतनाम हैं। भारत विश्व रैंकिंग में 101वें स्थान पर है जबकि थाईलैंड 114वें, कुराकाओ 134वें और वियतनाम 98वें स्थान पर है। ऐसे में भारत को फाइनल में पहुंचने में दिकक्त नहीं होनी चाहिए क्योंकि इसके लिए उसे पांच जून को अपने पहले मैच में कुराकाओ को हराना है।

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थाईलैंड के खिलाफ भी भारतीय टीम से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद है। इस साल की शुरुआत में हुए एएफसी एशियन कप में भारत ने थाईलैंड को पहले मैच 4-1 से करारी शिकस्त दी थी। कप्तान सुनील छेत्री ने उस मुकाबले में दमदार प्रदर्शन करते हुए दो गोल किए थे। 

किंग्स कप में भाग लेने के लिए थाईलैंड रवाना होने से पहले छेत्री ने स्टीमाक के अप्रोच की जमकर तारीफ की थी। छेत्री ने कहा था, “स्टीमाक काफी पेशेवर हैं। उनके पास जिस स्तर पर खेलने का अनुभव है और जिस स्तर पर वह कोचिंग कर चुके हैं, वहां टोटल फुटबॉल को अहमियत दी जाती है। स्टीमाक का अप्रोच बिल्कुल साफ है। वह चाहते हैं कि टीम अपने डिफेंस पर ध्यान दे और जब मौका मिले, आक्रमण करे। सारे पेशेवर क्लब यही अप्रोच अपनाते हैं।”

आक्रमण की बात आती है तो इसकी जिम्मेदारी छेत्री के अलावा बलवंत सिंह, फरुख चौधरी और मानवीर सिंह पर आती है, जिन्हें फारवर्ड के तौर पर चुना गया है। मिडफील्ड में उदांता सिंह, जैकीचंद सिंह, प्रणॉय हल्धर, विनीत राय और लासियानजुआला चांग्ते का अनुभव भारत के काम आएगा।

हल्धर तो मान चुके हैं कि स्टीमाक की देखरेख में एक खिलाड़ी के तौर पर उनमें काफी सुधार आया है। हल्धर ने कहा, “मैच के हालात के अनुरूप वह मुझे गाइड कर रहे हैं। उनकी देखरेख में मेरे अप्रोच में काफी सुधार आया है। वह काफी सकारात्मक हैं और खिलाड़ियों को लगातार प्रेरित करते रहते हैं।”

वैसे मिडफील्डरों में सहल अब्दुल समद भी हैं, जिनकी खुद छेत्री ने जमकर तारीफ की है। छेत्री ने एक दिन पहले कहा था, “मिडफील्ड में उदांता और समद नैसर्गिक प्रतिभा से लैस हैं। इन दोनों को अपना पोटैंशियल पहचानना होगा। ये भारत के लिए भविष्य के सितारे शामिल हो सकते हैं।”

डिफेंसिव लाइन में गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू और अनुभवी संदेश झिंगन भी स्टीमाक के अप्रोच की तारीफ कर चुके हैं। गुरप्रीत के मुताबिक, “कोच स्टीमाक सही मायने में पेशेवर हैं। वह टीम के साथ काफी मेहनत करते हैं। एक ईमानदार कोच का साथ होना जरूरी है। वह हमें यह भी समझाते हैं कि वह इस तरह का बदलाव क्यों लाना चाहते हैं।”

डिफेंस लाइन में भारत के लिए सबसे अहम व्यक्ति झिंगन हैं। वह निडर डिफेंडर हैं और खेल की बारीकियों को अच्छी तरह समझते हैं। झिंगन भी स्टीमाक के अप्रोच से काफी प्रभावित दिखे। झिंगन ने कहा, “1998 विश्व कप में वह सेंट्रल डिफेंडर के तौर पर खेले थे। एक डिफेंडर होने के नाते मैं उनके अप्रोच को बेहतर तरीके से समझ सकता हूं। मैंने उनके अपने खेल के सुधार के बारे में बात की है। उन्होंने कुछ एरिया बताए हैं। मैं उन पर काम कर रहा हूं।”

भारतीय टीम थाईलैंड रवाना हो चुकी है। रविवार को वह बैंकॉक में आराम करेगी और फिर बुरिराम के लिए रवाना होगी, जो वहां से साढ़े तीन घंटे (सड़क मार्ग से) की दूरी पर है। जाते-जाते झिंगन ने यह भी कहा था कि कोच टीम के अंदर एक नया सिस्टम लेकर आए हैं। अब देखने वाली बात यह है कि स्टीमाक के नए आइडियाज, नया सिस्टम और नया अप्रोच कितना कारगर होता है। इतना तो तय है कि थाईलैंड में भारत को अच्छी चुनौती मिलेगी क्योंकि दमखम के लिहाज से सभी टीमें एक 'बराबरी' की हैं।

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