Tokyo Olympics: भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने रचा इतिहास, जर्मनी को पीछे छोड़कर ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल हासिल करने का बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
टोक्यो ओलंपिक 2020 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम करने के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया है। जर्मनी को 5-4 से हराने के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक खेलों में 12वां मेडल हासिल किया, जो कि इस खेल...
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टोक्यो ओलंपिक 2020 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम करने के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया है। जर्मनी को 5-4 से हराने के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक खेलों में 12वां मेडल हासिल किया, जो कि इस खेल में किसी भी देश द्वारा जीते गए सबसे ज्यादा मेडल भी हैं। भारत ने इस मामले में जर्मनी को पीछे छोड़ दिया है, जिन्होंने पुरुष हॉकी में अबतक 11 मेडल जीते थे। पहले क्वार्टर में 0-1 से पिछड़ने के बाद टीम इंडिया ने जोरदार वापसी की और जर्मनी को पूरे मैच में बैकफुट पर रखा। भारत की ओर से सिमनरजीत सिंह ने दो, जबकि हरमनप्रीत, हार्दिक और रुपिंदर सिंह ने एक-एक गोल दागा।
भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक खेलों में 8 गोल्ड, एक सिल्वार और तीन ब्रॉन्ज समेत कुल 12 मेडल जीते हैं। वहीं, इस लिस्ट में अब दूसरे नंबर पर खिसक चुकी जर्मनी की टीम ने 4 गोल्ड, तीन सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज को मिलाकर कुल 11 मेडल ओलंपिक में हासिल किए हैं। भारतीय टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने टीम की इस ऐतिहासिक जीत को कोविड वॉरियर्स को समर्पित किया है। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि अभी मुझे क्या कहना चाहिए, यह शानदार था। प्रयास, मुकाबला, हम 1-3 से पीछे थे। मुझे लगता है कि हम इस पदक के हकदार थे। हमने इतनी कड़ी मेहनत की, पिछले 15 महीने हमारे लिए भी मुश्किल रहे, हम बेंगलुरू में थे और हमारे में से कुछ लोग कोविड से भी संक्रमित हुए। हम इस पदक को डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को समर्पित करना चाहते हैं जिन्होंने भारत में इतनी सारी जान बचाईं।'
पहले क्वार्टर का स्कोर 0-1 था, फिर दूसरे क्वार्टर में स्कोर 3-3 का रहा। तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम ने जबर्दस्त पलटवार करते हुए स्कोर 5-3 कर दिया। चौथे क्वार्टर की शुरुआत में ही जर्मनी ने गोल दागकर स्कोर 4-5 कर दिया। श्रीजेश ने एक बार फिर से शानदार प्रदर्शन किया और जर्मनी के गोल के मौकों को नाकाम किया। आखिरी के तीन मिनट में भारत ने एक और पेनाल्टी कॉर्नर जर्मनी को दिया। श्रीजेश और भारतीय डिफेंडर्स ने जर्मनी को इस मौके का फायदा नहीं उठाने दिया। भारत को इससे पहले सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों हार का सामना करना पड़ा था और टीम का गोल्ड मेडल जीतने का सपना अधूरा रह गया था।