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IIT कानपुर ने दी बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद को डॉक्टरेट की मानद उपाधि

पूर्व स्टार शटलर और भारतीय टीम के मौजूदा प्रशिक्षक पुलेला गोपीचंद को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और...

IIT कानपुर ने दी बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद को डॉक्टरेट की मानद उपाधि
एजेंसी,कानपुरSat, 29 Jun 2019 01:03 PM
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पूर्व स्टार शटलर और भारतीय टीम के मौजूदा प्रशिक्षक पुलेला गोपीचंद को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बाद गोपीचंद ऐसी विभूति है, जिन्हें संस्थान ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। शुक्रवार को संस्थान के 52वें दीक्षांत समारोह में इसरो के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर के राधाकृष्णन ने उन्हें सम्मानित किया।

इस मौके पर मुख्य अतिथि नैसकॉम के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर बीवीआर मोहन रेड्डी ने कहा कि आईआईटी के छात्र  क्षमतावान और प्रतिभा सम्पन्न है और देश की प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को नौकरी के पीछे भागने के बजाय रोजगारपरक बनना चाहिए और वे उद्यमिता को लक्ष्य बनाकर आगे बढ़े।

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उन्होंने कहा कि वर्ष 1973 में कानपुर आईआईटी से पढ़ाई पूरी कर वह डिजाइन इंजीनियर के क्षेत्र में काम कर आगे बढ़ते गये। आईआईटी के छात्रों के सामने ब्लॉक चेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व इंडस्ट्री के क्षेत्रों में काम करने के लिए बहुत कुछ है। इस क्षेत्र में व्यापक अवसर है और स्टार्टअप के माध्यम से बेहतर सोच के साथ इसे नया आयाम दिया जा सकता है।
 
रेड्डी ने कहा कि स्वास्थ्य, कृषि, फसल उत्पादन के क्षेत्र में तकनीक, सामाजिक सरोकारों की दिशा में काम करने के भरपूर अवसर हैं। शिक्षण संस्थान छात्रों के ज्ञान और चरित्र निमार्ण कर अपनी भूमिका को बखूबी निभा रहा है।

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संस्थान के निदेशक अभय करंदीकर ने कहा कि संस्थान के इतिहास में पहली बार 208 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई। तीन चरणों में हुए समारोह के दौरान स्नातक व परास्नातक स्तर पर 1626 छात्र-छात्राओं को डिग्री व उपाधि दी गईं। गोपीचंद के अलावा डीआरडीओ के एरोनॉटिकल सिस्टम की डायरेक्टर जनरल डॉ तेसी थॉमस, इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन पद्मश्री सुधा मूर्ति को डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि से नवाजा गया।

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