फोटो गैलरी

Hindi News खेलFIFA WC 2018:कहानी एक ऐसे फुटबॉलर की जो सफलता और शोहरत पचा नहीं पाया

FIFA WC 2018:कहानी एक ऐसे फुटबॉलर की जो सफलता और शोहरत पचा नहीं पाया

ब्राजीली फुटबॉलर गारिचा को वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वह हकदार थे। 1962 के वर्ल्ड कप में पेले के चोटिल होने पर उन्होंने सबसे ज्यादा गोल दाग टीम को चैंपियन बनाया। महान पेले के साथ उनकी जुगलबंदी...

FIFA WC 2018:कहानी एक ऐसे फुटबॉलर की जो सफलता और शोहरत पचा नहीं पाया
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 24 May 2018 04:36 PM
ऐप पर पढ़ें

ब्राजीली फुटबॉलर गारिचा को वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वह हकदार थे। 1962 के वर्ल्ड कप में पेले के चोटिल होने पर उन्होंने सबसे ज्यादा गोल दाग टीम को चैंपियन बनाया। महान पेले के साथ उनकी जुगलबंदी करिश्माई थी। असामान्य पैरों के साथ पैदा हुए गारिचा का बायां पांव आगे की तरफ मुड़ जाता था तो दूसरा पैर भी ज्यादा मुड़ता। कमजोरी को ताकत बना वह करिश्माई ड्रिबलर बने। मैदान पर गारिचा जितने कमाल थे, बाहर उतने ही रंगीन मिजाज और विवादित....

गारिचा की जिंदगी किसी मसाला फिल्म से कम नहीं है। उनका असली नाम मैनुअल सांतोस था। उनका जन्म अक्तूबर,1930 में जन्म रियो डी जेनेरियो से 70 किमी दूर छोटे शहर में हुआ। बचपन में उनके पैर सामान्य नहीं थे। दोस्त अकसर उनका मजाक बनाते थे। वह लंबाई में साथियों से काफी छोटे थे।तब उनकी बहन ने उन्हें ‘गारिचा' नाम दिया, जिसका अर्थ था-छोटी चिडि़या। फुटबॉल खेलने की शुरुआत उन्होंने काफी देर से की। खेल मैदान पर पैरों का अतिरिक्त मुड़ना उनके लिए वरदान साबित हुआ। गेंद लेकर लहराते हुए दौड़ना उनका हुनर बन गया। शानदार ड्रिबलिंग के कारण साथी उनसे गेंद नहीं छीन पाते थे।

FIFA WC 2018:भुखमरी और तानाशाही को मात देकर महान फुटबॉलर बने फेरेंक पुस्कास

पेले के साथ करिश्माई जोड़़ी

गारिचा उस वक्त खेले जो पेले के छा जाने का दौर था। उनकी भूमिका ब्राजील को दो वर्ल्ड कप जिताने में बेहद अहम रही। 1962 के विश्व कप में वह पेले के चोटिन होने के बावजूद ब्राजील को चैंपियन बनाने में कामयाब रहे। पचास और साठ के दशक में उन्होंने 34 गोल दागे। महान पेले के साथ मैदान पर उनकी जुगलबंदी सबसे कमाल रही। 1958 से 1966 तक ब्राजील की बादशाहत रही।पेले और गारिचा की जुगलबंदी में ब्राजील ने कोई मैच नहीं गंवाया। उनकी टीम इस दौरान 1966 में सिर्फ एक मैच हाथों हारी। पेले वह मैच नहीं खेले थे। राष्ट्रीय टीम में गारिचा का वह आखिरी मैच साबित हुआ।

 

FIFA WC 2018:अर्जेंटीना की टीम घोषित,इस खिलाड़ी को नहीं मिली जगह

रोमांस और हत्या का आरोप

सफलता और शोहरत को गारिचा पचा नहीं पाए। 1966 तक तमाम बुरी आदतों ने उन्हें घेर लिया। मैदान से बाहर आते ही वह उद्दंड और घमंडी बन जाते। उनकी रंगीन मिजाजी और रोमांस के अनगनित किस्से रहे। आए दिन अखबारों और पत्रिकाओं में वह गलत कारणों से चर्चाओं में रहते। न जाने कितनी महिलाओं से उन्होंने प्यार का खेल खेला। करीब बीस महिलाओं के साथ उनका नाम जुड़ा। इसमें ब्राजील की मशहूर गायिका एल्जा सोरेस भी थीं। गारिचा 13 बच्चों के पिता बने। कार दुर्घटना में अपनी सास की हत्या का भी उन पर आरोप लगा।

FIFA WORLD CUP: कप्तान केन का भरोसा चैंपियन बन सकता है इंग्लैंड

आखिर में ‘आत्मघाती गोल'

शराब के नशे में वह अकसर आपा खो देते थे और कई बार आत्महत्या की कोशिश की।1982 में एक पत्रिका ने पेले और उनकी मुलाकात तय की। गारिचा नशे में पहुंचे। दोस्त के साथ यह उनकी आखिरी मुलाकात साबित हुई। पेले तब तक महान फुटबॉलर का दर्जा हासिल कर चुके थे। कुछ महीने बाद 1983 में नशे में एक दिन उन्होंने अपनी जान ले ली। महान फुटबॉलर का यह ‘आत्मघाती गोल' था। अस्पताल में जब उन्होंने दम तोड़ा तो उन्हें पूछने वाला कोई नहीं था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें