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FIFA WC 2018:स्पेन और पुर्तगाल पर टिका है 'ग्रुप B' का रोमांच

साल 2010 की खिताबधारी टीम स्पेन और 2016 की यूरो चैंपियन पुर्तगाल ग्रुप ‘बी' की दो ताकतवर टीमें हैं, जिन्होंने क्वालीफाइंग दौर में भी शानदार खेल...

Deepakलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 02 Jun 2018 05:15 PM

पुर्तगाल में है ​दुनिया की किसी भी टीम को चुनौती देने का दमखम

पुर्तगाल में है ​दुनिया की किसी भी टीम को चुनौती देने का दमखम1 / 4

साल 2010 की खिताबधारी टीम स्पेन और 2016 की यूरो चैंपियन पुर्तगाल ग्रुप ‘बी' की दो ताकतवर टीमें हैं, जिन्होंने क्वालीफाइंग दौर में भी शानदार खेल का प्रदर्शन किया। रियाल मैड्रिड को चैंपियंस लीग विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले पुर्तगाली स्टार रोनाल्डो के लिए यह आखिरी मौका होगा। दूसरी ओर, ब्राजील में साल 2014​ में हुए विश्व कप में खराब प्रदर्शन को भुलाकर स्पेनिश टीम भी पुराने रंग में लौटती नजर आ रही है। एशियाई पावरहाउस ईरान और अफ्रीकी शेर मोरक्को को कम आंकना भी विपक्षी टीमों के लिए भारी पड़ सकता है। ग्रुप ‘बी' की संभावनाओं पर सुफल भट्टाचार्य की रिपोर्ट...

पुर्तगाल में है ​दुनिया की किसी भी टीम को चुनौती देने का दमखम
ब्राजील में खेला गया पिछला विश्व कप पुर्तगाल के लिए दु:स्वप्न की तरह था, लेकिन 2016 में यूरो कप जीतने के बाद इस टीम को कम नहीं आंका जा रहा। टीम के सबसे बड़े स्टार क्रस्टियिानो रोनाल्डो का संभवत: यह अंतिम वर्ल्ड कप होगा। ऐसे में 33 साल के हो चुके रोनाल्डो अपनी टीम के लिए यादगार प्रदर्शन करना चाहेंगे। पुर्तगाली टीम में 2016 में यूरो कप जीतने वाली टीम के अधिकतर सदस्य हैं। रोनाल्डो ने क्वालीफाइंग मुकाबलों में शानदार प्रदर्शन किया। 1966 में पुर्तगाल ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया था, जबकि 2006 में पुर्तगाल को सेमीफाइनल में फ्रांस ने हराया। पिछले 29 अंतरराष्ट्रीय मैचों में पुर्तगाल को सिर्फ एक में हार का सामना करना पड़ा। इससे उनकी फार्म का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस टीम को रोनाल्डो की जादुई स्किल पर पूरा भरोसा है।

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खास खिलाड़ी: क्रस्टियिानो रोनाल्डो, गोनकालो गुएडेस, आंद्रे सिल्वा

शैली: 4-4-2

कोच: फर्नांडो सांतोस

6 बार वर्ल्ड कप में खेले

कोई खिताब नहीं जीता

फीफा रैंकिंग:

पहला मैच: 15 जून पुर्तगालvsस्पेन

दूसरा मैच: 20 जून पुर्तगालvsमोरक्को

तीसरा मैच: 25 जून ईरानvsपुर्तगाल 

युवा खिलाड़ियों के दम पर विश्व खिताब जीतने उतरेगी स्पेनिश टीम

युवा खिलाड़ियों के दम पर विश्व खिताब जीतने उतरेगी स्पेनिश टीम2 / 4

आठ साल पहले आंद्रे इनिएस्ता के गोल की बदौलत दक्षिण अफ्रीकी धरती पर पहली बार विश्व कप खिताब जीतने वाली स्पेन की टीम का कलेवर रूस में बदला नजर आएगा। यह टीम लगभग नई हो गई है। 2010 की चैंपियन टीम के सिर्फ छह-सात खिलाड़ी ही बचे हैं। विसेंटे डेल बोस्क से कमान संभालने वाले कोच जुलेन लोपेतेगुई को युवा टीम पर पूरा भरोसा है। स्पेन के बारे में कहा जा रहा है कि डिफेंस और मिडफील्ड में यह टीम बेहद मजबूत है। गेंद को कब्जे में रखने में स्पेनिश मिडफील्डरों का जवाब नहीं है। गोलकीपर की भूमिका में डेविड डि गिआ सर्वश्रेष्ठ हैं। मैनचेस्टर यूनाइटेड के गोलपोस्ट की धार को मजबूती देने वाले डि गिआ दुनिया के शीर्ष-3 गोलकीपर्स में शुमार किए जाते हैं, लेकिन उनकी आक्रामण पंक्ति को लेकर संशय है। क्वालीफाइंग दौर में स्पेन ने नौ मैचों में जीत दर्ज की और एक मैच ड्रा रहा है। स्पेन की पहचान उसकी खास शैली के लिए भी रही है। 'टिकी-टाका' यानी पासिंग फुटबॉल के सहारे ही टीम ने 2008 से 2012 तक वर्ल्ड फुटबाल में दिग्गजों को चौंकाया था। रूस में टीम की शैली क्या होगी इस पर भी चर्चा हो रही है। एक बात और कोच लोपेतेगुई की टीम में दस खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने न तो यूरोपीय चैंपियनशिप और न ही वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया है।

 

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खास खिलाड़ी: गेरार्ड पिक, आंद्रेस इनिएस्ता, डिएगो कोस्टा, इस्को 

शैली: 4-5-1

कोच: जुलेन लोपेतेगुई 

14 बार विश्व कप में खेले

01 बार खिताब जीता (2010 द. अफ्रीका)

फीफा रैंकिंग: 08 

पहला मैच: 15 जून-पुर्तगाल-स्पेन

दूसरा मैच: 20 जून-ईरान-स्पेन

तीसरा मैच: 25 जून-स्पेन-मोरोक्को
 

मोरक्को टीम की बीस साल बाद विश्व कप में वापसी

मोरक्को टीम की बीस साल बाद विश्व कप में वापसी3 / 4

मोरक्को की वर्ल्डकप में बीस साल बाद वापसी हुई है। इस अफ्रीकी देश के लिए ग्रुप ‘बी' आसान नहीं है। हालांकि विश्व कप जैसे बड़े मंच पर टीम बेहतर प्रदर्शन करने को बेताब है। ग्रुप ‘बी में स्पेन, पुर्तगाल और ईरान के रहते मोरक्को की अंतिम सोलह की राह आसान नहीं लग रही। 1986 में मोरक्को ने अंतिम सोलह में प्रवेश किया था। इस बार कुछ खिलाड़ी हैं जिन पर नजरें रहेंगी, इस कड़ी में आठ मैचों में दस गोल करने वाले 24 साल के अयूब एल काबी का नाम लिया जा सकता है। इसके अलावा हाकिम जायेच भी जोरदार फॉर्म में हैं। मोरक्को को अगर दूसरे राउंड में प्रवेश करना है तो उसे कम से कम पांच अंक हासिल करने होंगे, यानी ईरान को हराना होगा और साथ ही स्पेन और पुर्तगाल के साथ ड्रॉ करना होगा। पर ये आसान कतई नहीं होगा।

 

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खास खिलाड़ी: हाकिम जायेच, मेधी बेनेटिया नबील दिरार, अयूब काबी 

शैली: 4-5-1

कोच: हर्व रेनार्ड

04 बार वर्ल्ड कप में खेले

00 खिताब जीतने में नाकाम

फीफा रैंकिंग: 42 

पहला मैच: 15 जून-मोरक्को-ईरान

दूसरा मैच: 20 जून पुर्तगाल-मोरक्को

तीसरा मैच: 25 जून स्पेन-मोरक्को
 

फुटबॉल में ईरान की टीम एशिया का नया पावरहाउस है

 फुटबॉल में ईरान की टीम एशिया का नया पावरहाउस है4 / 4

एशियाई पावरहाउस ईरान के डिफेंस की हर तरफ चर्चा है। एशिया में जापान और दक्षिण कोरिया के दबदबे को खत्म कर चुकी है वर्तमान ईरानी टीम। याद कीजिए 2014 वर्ल्ड कप जब ईरान ने अर्जेंटीना जैसी मजबूत टीम को कड़ी टक्कर दी और इंजुरी टाइम तक मेसी एंड कंपनी को गोल करने नहीं दिया। उस मैच में इकलौता गोल मेसी ने किया था। पुर्तगाल के कोच कार्लोस क्विरोज ने इस टीम को नए तेवर दिए हैं। 23 साल के सरदार अजमॉऊन की खूब वाह-वाही हो रही है। ईरान के मेसी के नाम से मशहूर सरदार ने 23 गोल किए हैं। क्वालीफायर्स में उसके नाम 11 गोल हैं।

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खास खिलाड़ी: सरदार अजमॉऊन, रेजा जहांबख्श

शैली: 4-2-3-1

कोच: कार्लोस क्विरोज

04 बार विश्व कप में खेले

00 कोई खिताब नहीं जीता

फीफा रैंकिंग: 36 

पहला मैच: 15 जून मोरक्को- ईरान

दूसरा मैच: 20 जून ईरान-स्पेन

तीसरा मैच: 25 जून ईरान-पुर्तगाल