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FIFA U-17: मां ने सब्जी बेचकर बनाया फुटबॉलर, अब है भारत का खिलाड़ी

फुटबॉल का क्रेज दुनिया भर के कई देशों में है और अब भारत तक आ पहुंचा है। फीफा अंडर-17 विश्व कप 6 अ

Ratnakarनई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तानTue, 03 Oct 2017 07:11 PM

मां ने सब्जियां बेचकर जैक्सन को बनाया फुटबॉलर

मां ने सब्जियां बेचकर जैक्सन को बनाया फुटबॉलर1 / 2

फुटबॉल का क्रेज दुनिया भर के कई देशों में है और अब भारत तक आ पहुंचा है। फीफा अंडर-17 विश्व कप 6 अक्टूबर से भारत में शुरू हो रहा है। इसमें टीम इंडिया का पहला मैच यूएसए के खिलाफ है। भारत की 21 सदस्यीय में टीम में कई होनहार खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत की बदौलत टीम में जगह बनायी। इन्हीं खिलाड़ियों की लिस्ट में जैकसन सिंह भी शामिल हैं। 

दो साल पहले जैकसन के पिता की नौकरी जाने के बाद परिवार का गुजारा मां ने सब्जी बेचकर किया। लेकिन इतने कठिन हालात में भी जैकसन सिंह का फुटबॉल को लेकर जुनून कम नहीं हुआ और अब यह मिडफील्डर फीफा अंडर-17 विश्व कप में टीम इंडिया का हिस्सा हैं।

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जैकसन मणिपुर के थोउबल जिले के हाओखा ममांग गांव के हैं। उनके पिता कोंथुआजम देबेन सिंह को 2015 में पक्षाघात हुआ और उन्हें मणिपुर पुलिस की अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। उनके परिवार का खर्च मां इम्फाल के ख्वैरामबंद बाजार में सब्जी बेचकर चलाती हैं, जो घर से 25 किलोमीटर दूर है।

अगली स्लाइड में पढ़ें : जैकसन ने बतायी परिवार की दुखभरी दास्तां

परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में असमर्थ रहा भाई

परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में असमर्थ रहा भाई2 / 2

जैकसन ने कहा, जब मैं 2010 में घर से चंडीगढ आया, तब सब कुछ ठीक था। लेकिन मेरे पिता को 2015 में पक्षाघात आया और अब वह आजीविका कमाने की स्थिति में नहीं हैं। मेरी मां और नानी इम्फाल में सब्जी बेचती हैं और इसी से हमारा घर चलता है। 

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उसने कहा, मैं बचपन से भारत के लिये खेलने का सपना देखता आया हूं और मेरी जिंदगी बदल गई है। मैं विश्व कप में भारत की जर्सी पहनने को बेताब हूं, हालांकि परिवार की स्थिति को लेकर भी चिंतित हूं। जैकसन के बड़े भाई जोनिचंद सिंह कोलकाता प्रीमियर लीग में पीयरलेस क्लब के लिये खेलते हैं, लेकिन उनकी आय से परिवार की दशा में ज्यादा सुधार नहीं आया है।
      
जैकसन को खराब हालात के अलावा 2015 में चयनकर्ताओं की उपेक्षा भी झेलनी पड़ी, जब वह चंडीगढ में अकादमी में थे। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अंडर 17 विश्व कप के लिये टीम में जगह बनाई। पहले चंडीगढ फुटबॉल अकादमी के साथ खेलने वाले जैकसन बाद में मिनवार् से जुड़े और राष्ट्रीय अंडर 15 तथा अंडर 16 खिताब जीतने वाली टीम की कप्तानी की।