Hindi Newsखेल न्यूज़Discus thrower Vinod Kumar loses Tokyo Paralympics bronze after declared ineligible in classification reassessment

Tokyo Paralympics: डिस्कस थ्रोअर विनोद कुमार से छीना गया ब्रॉन्ज मेडल, जानें क्या है पूरा मामला

भारत के चक्का फेंक एथलीट विनोद कुमार ने सोमवार को टूर्नामेंट के पैनल द्वारा विकार के क्लासिफिकेशन निरीक्षण में 'अयोग्य पाए जाने के बाद पैरालंपिक की पुरूषों की एफ52 स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल गंवा...

Ezaz Ahmad एजेंसी , नई दिल्ली Mon, 30 Aug 2021 04:09 PM
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भारत के चक्का फेंक एथलीट विनोद कुमार ने सोमवार को टूर्नामेंट के पैनल द्वारा विकार के क्लासिफिकेशन निरीक्षण में 'अयोग्य पाए जाने के बाद पैरालंपिक की पुरूषों की एफ52 स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल गंवा दिया। बीएसएफ के 41 साल के जवान विनोद कुमार ने रविवार को 19.91 मीटर के बेस्ट थ्रो से एशियाई रिकार्ड बनाते हुए पोलैंड के पियोट्र कोसेविज (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर (19.98 मीटर) के पीछे तीसरा स्थान हासिल किया था। हालांकि किसी प्रतिस्पर्धी ने इस नतीजे को चुनौती दी।

— Sports Updates India (@tokyo2020_in) August 30, 2021

आयोजकों ने एक बयान में कहा, ' पैनल ने पाया कि एनपीसी (राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति) भारत के एथलीट विनोद कुमार को 'स्पोर्ट क्लास आवंटित नहीं कर पाया और खिलाड़ी को 'क्लासिफिकेशन पूरा नहीं किया (सीएनसी) चिन्हित किया गया। एथलीट इसलिए पुरूषों की एफ52 चक्का फेंक स्पर्धा के लिए अयोग्य है और स्पर्धा में उसका नतीजा अमान्य है।'

— PIB in KERALA (@PIBTvpm) August 22, 2021

 

एफ52 स्पर्धा में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है और उनके मूवमेंट सीमित होते हैं, हाथों में विकार होता है या पैर की लंबाई में अंतर होता है जिससे खिलाड़ी बैठकर प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेते हैं। पैरा खिलाड़ियों को उनके विकार के आधार पर वर्गों में रखा जाता है। क्लासिफिकेशन प्रणाली में उन खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति मिलती है जिनका विकार एक सा होता है।

 

 

 

आयोजकों ने 22 अगस्त को विनोद का क्लासिफिकेशन किया था। विनोद कुमार के पिता 1971 भारत-पाक युद्ध में लड़े थे। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में जुड़ने के बाद ट्रेनिंग करते हुए वह लेह में एक चोटी से गिर गए थे जिससे उनके पैर में चोट लगी थी। इसके कारण वह करीब एक दशक तक बिस्तर पर रहे थे और इसी दौरान उनके माता-पिता दोनों का देहांत हो गया था।

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