वेबसाइटों, केबल ऑपरेटरों द्वारा टोक्यो ओलंपिक के अनऑथोराइज्ड प्रसारण पर HC ने रोक लगाई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नियमों का उल्लंघन करने वाले कई वेबसाइटों, मल्टी-सिस्टम ऑपरेटरों और स्थानीय केबल ऑपरेटरों द्वारा आगामी टोक्यो ओलंपिक के अनऑथोराइज्ड प्रसारण पर सोमवार को रोक लगा दी। न्यायालय ने...
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने नियमों का उल्लंघन करने वाले कई वेबसाइटों, मल्टी-सिस्टम ऑपरेटरों और स्थानीय केबल ऑपरेटरों द्वारा आगामी टोक्यो ओलंपिक के अनऑथोराइज्ड प्रसारण पर सोमवार को रोक लगा दी। न्यायालय ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) को निर्देश दिया कि वे इन वेबसाइटों को अपने प्लेटफॉर्म पर अवैध रूप से प्रसारित करने से रोकें। उन्होंने केन्द्र सरकार को भी कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले वेबसाइटों को विभिन्न आईएसपी द्वारा रोकने के लिए आवश्यक निर्देश/अधिसूचनाएं जारी की जाए।
'सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया द्वारा दायर एक याचिका पर न्यायमूर्ति सी हरि शंकर द्वारा पारित यह अंतरिम आदेश 29 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई तक लागू रहेगा। सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया भारत में टोक्यो ओलंपिक का स्पेशनल ब्रॉडकास्टर है। सोनी पिक्चर्स सोनी टेन नेटवर्क का मालिक है और वह खेलों से संबंधित सोनी टेन 1, सोनी टेन 1 एचडी, सोनी टेन 2, सोनी टेन 3, सोनी टेन 2 एचडी, सोनी टेन 3 एचडी, सोनी ईएसपीएन, सोनी ईएसपीएन एचडी, सोनी सिक्स, सोनी सिक्स एचडी जैसे चैनलों का संचालन करता है।
सोनी पिक्चर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता अभिषेक मल्होत्रा ने अदालत को बताया कि उनका मुवक्किल 'राइट होल्डर ब्रॉडकास्टर (अधिकार धारक प्रसारक) है क्योंकि उसने टोक्यो ओलंपिक के मीडिया अधिकारों के लिए एक विशेष लाइसेंस हासिल किया है।
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उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल ओलंपिक एसोसिएशन के साथ समझौते के तहत सोनी पिक्चर्स को किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म पर खेलों को प्रसारित करने का विशेषाधिकार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 40 से अधिक वेबसाइटों और 30 से अधिक मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर और स्थानीय केबल ऑपरेटरों ने कॉपीराइट अधिनियम का उल्लंघन कर 'पायरेटेड सामग्री को अवैध रूप से प्रसारित किया। नये आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) नियमों 2021 में आईएसपी को एक पक्ष के मालिकाना अधिकारों की रक्षा करना जरूरी है।
सोनी पिक्चर्स ने अपनी याचिका में कहा कि ये वेबसाइट और केबल टीवी ऑपरेटर बार बार नियमों की अनदेखी करते रहे है। उन्होंने अतीत में कुछ क्रिकेट मैचों के प्रसारण कर उनके विशेष अधिकारों का उल्लंघन किया है। मल्होत्रा को सुनने के बाद अदालत ने याचिका में समन जारी किया और प्रतिवादियों से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।