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स्टीमाक भारतीय फुटबॉल टीम के कोच बनने की होड़ में निकले आगे

क्रोएशिया के इगोर स्टीमाक भारतीय फुटबॉल टीम के कोच बनने की होड़ में आगे निकल गए हैं। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने चार प्रशिक्षकों के नाम शॉर्टलिस्ट किए थे जिनका आने वाले गुरुवार को तकनीकी...

स्टीमाक भारतीय फुटबॉल टीम के कोच बनने की होड़ में निकले आगे
एजेंसी,नई दिल्लीSun, 05 May 2019 02:41 PM
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क्रोएशिया के इगोर स्टीमाक भारतीय फुटबॉल टीम के कोच बनने की होड़ में आगे निकल गए हैं। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने चार प्रशिक्षकों के नाम शॉर्टलिस्ट किए थे जिनका आने वाले गुरुवार को तकनीकी समिति साक्षात्कार लेगी। तकरीबन 250 आवेदनों में से एआईएफएफ ने चार नाम- स्टीमाक, स्वीडन के हाकान एरिकसन, दक्षिण कोरिया के ली मिन सुंग और स्पेनिश कोच अल्बर्ट रोका के नाम फाइनल किए थे जिनका श्याम थापा की अध्यक्षता वाली तकनीकी समिति को इंटरव्यू लेना है। 

किंग्स कप के लिए राष्ट्रीय शिविर 20 मई से शुरू होना है। महासंघ में मौजूद सूत्रों के मुताबिक, तकनीकी समिति का फैसला अंतिम फैसला माना जाएगा, लेकिन स्टीमाक कई कारणों से आगे निकल गए हैं। 

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सूत्रों के मुताबिक, “क्रोएशियाई कोच की उनकी राष्ट्रीय महासंघ ने काफी तारीफ की है। इससे भी ज्यादा, उनकी वेतन की मांग महासंघ के बजट के अनुरूप बैठ रही है। एआईएफएफ 25,000 डालर प्रति महीना से ज्यादा कोच को देने के मूड में नहीं है।”

एआईएफएफ अधिकारी इस बात से काफी खुश हैं कि स्टीमाक ने क्रोएशिया को 2014 फीफा विश्व कप फाइनल्स तक ले गए थे, हालांकि टूनार्मेंट खत्म होने से कुछ मैच पहले ही उन्हें बोर्ड ने हटा दिया था।  

 51 साल के स्टीमाक 1990 से 2002 तक क्रोएशिया की राष्ट्रीय टीम के लिए खेले। वह 1998 में हुए फीफा विश्व कप में तीसरे पायदान पर रहने वाली क्रोएशिया की टीम का भी हिस्सा थे।

स्टीमाक के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी अल्बर्ट रोका हैं। रोका भारतीय फुटबॉल क्लब बेंगलुरू एफसी के कोच रह चुके हैं और क्लब में भारतीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री के साथ भी काम कर चुके हैं।  

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सूत्रों के मुताबिक, “रोका अच्छे विकल्प हो सकते हैं क्योंकि उनके पास भारत में काम करने का अनुभव है, लेकिन वेतन की मांग एक समस्या हो सकती है। वह 30,000 डॉलर प्रति महीने से ज्यादा मांग रहे हैं जो महासंघ की सीमा से बाहर है।”

एरिकसन और ली मिन अनुभव की कमी के कारण रेस में पिछड़ सकते हैं। 

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